यूपी में अपराधी और पुलिस (Police) दोनों अपराध करके भाग रहे हैं… क्या इसे जीरो टॉलरेंस कहते हैं ? : संपादकीय व्यंग्य

PRAGYA KA PANNA
PRAGYA KA PANNA

उत्तर प्रदेश में अपराधियों का अपराध करने का पैटर्न जो भी हो..लेकिन आज मैं आपको पुलिस (Police) के गुनाह करने और फिर उसको छिपाने का पैटर्न बताती हूं..जिस यूपी पुलिस का नाम ले-ले के बड़ी बड़ी डींगे हांकी जाती हैं..दरअसल वो पुलिस अपराध छिपाने अपने सगों को बचाने में एक नंबर की उस्ताद है..हाथरस में दलित बच्ची की बलात्कार के बाद मौत हुई..यूपी पुलिस के एडीजी ने कहा..नहीं तो बलात्कार नहीं हुआ..ना जांच हुई ना रिपोर्ट आई..ना डॉक्टर का बयान आया..लेकिन भाई साहब को पहले पता चल गया कि बलात्कार नहीं हुआ..जैसे पुलिस की नौकरी से पहले..ये कंपाउंडर थे..

गोरखपुर केस में भी व्यापारी मनीष गुप्ता को मारा पुलिस (Police) ने..लेकिन सर जी कहानी कहने में उस्ताद हैं..उनकी कपोल कथा सुनिए…आज सुनते जाईये बस..

ये गोरखुर के एसपी थे..ये बता रहे थे कि कमरे में डर से मनीष गुप्ता गिर गए फिर मर गए..मनीष गुप्ता आदमी ना होकर चीटी हो गए..डरकर गिर गए मर गए..अब इनको सुनिए..ये उनसे बड़े वाले हैं..मतबल बड़े वाले साहब हैं…बड़े साहब को भी सुनिए..

खैर पुलिस (Police) वालों पर भरोसा मत करिए पुलिस वाले किसी के नहीं होते..

अपराधी कांपते हैं..गुंडे भाग गए..जो जिस भाषा में समझेगा उसे उस भाषा में समझाएंगे..सब फर्जियापा है…सब जनता को नए टेस्ट का चूरन चटाने का तरीका है..अगर कानून व्यवस्था इतनी ही टाइट होती तो सोते हुए व्यापारी मनीष गुप्ता को उठाकर जिन पुलिस (Police) वालों ने मारा वो अब तक पकड़े जा चुके होते..90 घंटे बीच चुके हैं..हत्या के आरोपी फरार हैं..यही है कानून व्यवस्था..यूपी की बीजेपी सरकार के भीतर यूपी पुलिस 6 पुलिसवालों को नहीं पकड़ पा रही है..है ना कमाल..तो अगर अब आपसे कोई कहे कि कानून व्यवस्था बहुत टाइट है तो उससे तुरंत कहना कि मामू किसी और को बनाओ…

और तो और मनीष गुप्ता को मारने का आरोपी थानेदार फरार था..फिर उसी थाने में उसी के दूसरे दिन एक रेस्टोरेंट में दूसरी हत्या कर दी गई..जिला वही है यूपी की अघोषित दूसरी राजधानी गोरखपुर..थाना भी वही है..बताईये कैसे कह दिया जाए कि बहुत क्रांतिकारी कानून व्यवस्था चल रही है..अगली बार आपसे कोई आपसे कानून व्यवस्था के बारे में डींगे हाके तो उसे टोकिएगा और पूछिएगा..

कि गोरखपुर में पुलिस ने सोते व्यापारी को क्यों मार दिया..क्या यही यूपी का कानून है..महोबा का एसएसपी मणिलाल पाटीदार हत्या करवाकर फरार है… एक साल हो गया..आज तक नहीं पकड़ा गया..क्या यही है यूपी का कानून..लखनऊ में विवेक तिवारी को पुलिस (Police) ने पीटकर मार दिया..क्या यही यूपी का कानून है..झांसी में पुष्पेंद्र यादव को पुलिस ने मार दिया..क्या यही यूपी का कानून है..थानों में कितने लोग मर गए..उसकी संख्या निकालेंगे तो यूपी की पुलिस मुंह नहीं दिखा पाएगी..

अगर मैं गलत रिपोर्ट कर रही हूं..तो मुझे टोकिएगा..और रुकिए सिर्फ इतना ही नहीं है..यूपी की पुलिस (Police) बहुत करामाती है..जिन पुलिस वालों ने मनीष गुप्ता को सोते से उठाकर मारा है..उनमें से 3 पुलिस वालों के नाम गोरखपुर की पुलिस को मालूम ही नहीं है..आप देखिए ये लोग कितने अबोध हैं..कितने अज्ञानी हैं कितने भोले हैं..कि fir में तीन पुलिस वालों के नाम तो लिखे हैं लेकिन बाकी के तीन पुलिस वालों के नाम अज्ञात हैं..इनको मालूम ही नहीं है..

जहां दो दिन में दो हत्याएं हो गईं..वो गोरखपुर है..गोरखपुर यूपी के मुख्यमंत्री का जिला है..जिला ही नहीं है मुख्यमंत्री की सल्तनत है..मुख्यमंत्री का मठ है..मिनी मुख्यमंत्री कार्यालय है..आवास है..आप उस गोरखपुर की कहानी सुन रहे थे..जहां की खबर दिखाने में बहुत से लोग डरते हैं..जब वहां ये हाल है..तो दूसरे जिलो में जहां मरहूम मनीष गुप्ता जैसी न्याय के लिए लड़ने वाली बहादुर पत्नियां आवाज नहीं उठा पातीं..जहां की बातें मीडिया में नहीं आ पातीं वहां क्या हाल होता होगा..तो अगली बार कोई आपसे कहे कि यूपी में कानून बहुत टाइट है..तो उससे कहिएगा..टाइट तो है..इतना टाइट है कि यूपी पुलिस रात में लाशें जला देती है..रात में जगाकर मार देती है..

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.

team ultachasmauc

We are team pragya mishra..we are team ulta chasma uc..we are known for telling true news in an entertaining manner..we do public reporting..pragya mishra ji is public reporter..