EVM-VVPAT को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, मशीन में गड़बड़ी को लेकर जस्टिस खन्ना ने EC से पूछा सवाल

By UltaChashmaUC | April 18, 2024

EVM-VVPAT को लेकर आज यानी गुरुवार 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इस दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ और वीवीपैट पर्चियों के 100 फीसदी मिलान जैसे कई मुद्दों पर जस्टिस खन्ना ने सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि चुनावी प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने आयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से भी बताने को कहा। आपको बता दें, इस मामले में चुनाव आयोग की तरफ से कोर्ट में वकील मनिंदर सिंह पेश हुए हैं, जबकि याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील निजाम पाशा और प्रशांत भूषण पक्ष रख रहे हैं।

चुनावी प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए: कोर्ट
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, "यह एक चुनावी प्रक्रिया है. इसमें पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जिस चीज की उम्मीद की जा रही है, वह नहीं हो रही है।" वहीं, सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कम से कम यह आदेश दिया जाए कि वीवीपैट मशीन पारदर्शी हो और उसमें बल्ब लगातार जलता रहे, ताकि वोटर को पूरी तरह ये  पता चल सके कि आखिर उनका वोट किसे पड़ा। वहीं, वकील संजय हेगड़े ने कहा कि सभी वीवीपैट पर्चियों को गिनने पर विचार करना चाहिए। अगर अभी यह नहीं हो सकता, तो कोर्ट अभी हो रहे चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कुछ अंतरिम आदेश दे। बाकी मुद्दों पर बाद में सुनवाई हो।

"VVPAT सिर्फ एक प्रिंटर है"
चुनाव आयोग के अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में EVM से संबंधित जानकारी देते हुए कोर्ट को बताया कि ईवीएम के सिस्टम में तीन यूनिट  होते हैं, बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और तीसरा वीवीपीएटी यूनिट। बैलेट यूनिट सिंबल को दबाने के लिए है, कंट्रोल यूनिट डेटा स्टोर करता है और वीवीपैट सत्यापन के लिए है। चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि कंट्रोल यूनिट VVPAT को प्रिंट करने का आदेश देती है। यह मतदाता को सात सेकंड तक दिखाई देता है और फिर यह वीवीपीएटी के सीलबंद बॉक्स में गिर जाता है। हर एक कंट्रोल यूनिट में 4 MB की मेमोरी होती है। मतदान से 4 दिन पहले कमीशनिंग प्रक्रिया होती है और सभी उम्मीदवारों की मौजूदगी में प्रक्रिया की जांच की जाती है और वहां इंजीनियर भी मौजूद होते हैं।

जस्टिस खन्ना ने  ईवीएम की छेड़खानी को लेकर पूछा सवाल
जस्टिस खन्ना ने चुनाव आयोग अधिकारी से पूछा कि आपके पास कितने VVPAT हैं? अधिकारी ने बताया कि हमारे पास 17 लाख वीवीपैट मशीनें हैं। इस पर जज ने सवाल किया कि ईवीएम और वीवीपैट की संख्या अलग क्यों है? जिस पर जवाब देना चाहा, लेकिन जज को लगा कि उनका सवाल चर्चा को भटका रहा है। इसलिए उन्होंने अधिकारी को जवाब देने से मना कर दिया। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने चुनाव अधिकारी से पूछा कि मशीन को अलग-अलग मौके पर हैंडल करने वाले लोगों को उसके आंकड़े को लेकर क्या जानकारी होती है। अधिकारी ने बताया कि आंकड़े के बारे में जान पाना या उसमें छेड़छाड़ कर पाना संभव नहीं है। अधिकारी ने यह भी बताया कि मॉक पोल में प्रत्याशी अपनी इच्छा से किसी भी मशीन को जांच सकते हैं।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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