बीजेपी नेता के बेटे को मायावती ने दिया टिकट, प्रतापगढ़ में बसपा ने चली बड़ी चाल…

By UltaChashmaUC | April 30, 2024

मायावती एक के बाद एक अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रहीं हैं। ऐसे में मायावती ने प्रतापगढ़ सीट पर बड़ा उलटफेर करने का मन बना लिया है। प्रतापगढ़ वो क्षेत्र है जहां से रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया आते हैं। मायावती ने जिस प्रत्याशी को उतारा है। उनके आने के बाद प्रतापगढ़ लोकसभा सीट का समीकरण बेहद दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है। इस सीट पर मायावती ने ब्राह्मण कार्ड खेला है और सबसे खास बात ये है कि मायावती ने प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेता के बेटे को टिकट दे दिया है। बसपा ने प्रतापगढ़ में प्रथमेश मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

पिता बीएसपी के टिकट से लड़ चुके हैं चुनाव
बसपा प्रत्याशी प्रथमेश मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं और उनके पिता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी बीजेपी के नेता हैं और कौशाम्बी लोकसभा के प्रभारी भी हैं। प्रथमेश के पिता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी कुंडा विधानसभा से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ बीएसपी के टिकट पर 2007 और 2012 में चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि, तीनों ही चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। वहीं प्रथमेश की मां सिंधुजा मिश्रा 2022 के विधानसभा चुनावों में कुंडा विधानसभा क्षेत्र से राजा भैया के सामने चुनाव लड़ चुकी हैं।
अब प्रथमेश प्रतापगढ़ लोकसभा के बीएसपी के प्रत्याशी हैं। अब देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या प्रथमेश के माता पिता अपने बेटे के लिए प्रचार प्रसार करेंगे। क्योंकि माता और पिता दोनों बीजेपी के एक्टिव कार्यकर्ता हैं और बेटा बीएसपी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहा है।

आखिर कौन हैं बसपा प्रत्याशी प्रथमेश मिश्रा
प्रथमेश का जन्म 1990 में प्रतापगढ़ जिले में हुआ। उन्होंने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की है। प्रथमेश सुप्रीम कोर्ट के वकील है। प्रथमेश ज्यादातर दिल्ली या लखनऊ में ही रहते हैं। उनकी एक बहन है जो उनसे छोटी है। उन्होंने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है, मायावती ने उन्हें सीधे लोकसभा चुनाव में उतार कर बड़ा खेल करने की कोशिश की है। समाज में सेनानी परिवार का काफी सम्मान है। वहीं, प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर मौजूदा वक्त में बीजेपी के संगम लाल गुप्ता सांसद हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता ने बसपा प्रत्याशी अशोक त्रिपाठी को हराकर चुनाव जीता था। हालांकि, इस बार के चुनाव के बाद एक बार फिर से बीजेपी ने संगम लाल गुप्ता पर ही भरोसा जताया है। संगमलाल गुप्ता को पहली बार राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने का मौका साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मिला था। जिसमें वो जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंच गए। फिर आता है साल 2019 का लोकसभा चुनाव। इस चुनाव में संगमलाल गुप्ता ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की और बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया। 2019 के चुनाव में संगम लाल गुप्ता ने सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी को करीब डेढ़ लाख वोटों से हराकर संसद भवन पहुंचे।

प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव का समीकरण
सपा ने प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से एसपी सिंह पटेल को चुनावी मैदान में उतार है। एसपी सिंह पटेल लगातार दो बार विधान परिषद सदस्य रहे हैं। पहली बार 5 मई 2002 से 4 मई 2008 तक और दूसरी बार 5 मई 2008 से 4 मई 2014 तक। साल 2014 से 2020 तक उनकी पत्नी कांति सिंह उसी सीट से विधान परिषद सदस्य रही हैं। अखिलेश यादव ने यादव-मुस्लिम की जगह कुर्मियों को राजनीतिक तवज्जो देकर बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त तरीके से जातीय चक्रव्यूह रचा है। सपा ने सूबे की 9 लोकसभा सीटों पर कुर्मी समुदाय के प्रत्याशी उतारे हैं, जो पार्टी में किसी एक समुदाय के सबसे ज्यादा उम्मीदवार हैं। यूपी में पिछड़ी जातियों में यादव समाज के बाद सबसे अधिक आबादी कुर्मी समाज की मानी जाती है। बता दें, लोकसभा सीट प्रतापगढ़ पर अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा सत्ता कांग्रेस के ही हाथ रही है। कांग्रेस ने 10 बार इस सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं बीजेपी को दो बार जीत मिली है।

प्रतापगढ़ सीट का जातीय समीकरण
85 प्रतिशत हिंदू और 15 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता
11% कुर्मी वोटर्स
16% ब्राह्मण वोटर्स
8% क्षत्रिय वोटर्स
वहीं 19% एससी-एसटी,
15% मुस्लिम और करीब 10 % यादव वोटर्स हैं।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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