बाबा रामदेव को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, 17 मई को पतंजलि से माफीनामे की ओरिजिनल कॉपी मांगी

By UltaChashmaUC | April 30, 2024

बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि को एक के बाद एक बड़ा झटका लग रहा है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को भ्रामक विज्ञापन मामले में पूरे देश से माफी मांगने को कहा था। जिसके बाद उनके छोटे माफीनामे को लेकर कोर्ट ने एक बार फिर उन्हें पेश होने को कहा। जिसको लेकर आज कोर्ट के अंदर फिर से सुनवाई शुरू हुई। हालांकि, पिछली बार के माफीनामे को लेकर कोर्ट ने कहा था कि पतंजलि ने इतना छोटा माफी नामा छापा है कि उसे लेंस लगाकर देखना पड़ेगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को बड़े लेटर में माफी नामा देने को कहा था। मगर आज जब सुनवाई शुरू हुई तो उनके वकीलों की तरफ से अखबार का पूरा पेज कोर्ट में पेश नहीं किया गया। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि आपको पहले माफी नामा पेश करने को कहा था आपने आज सुबह क्यों फाइल की। जिस पर रामदेव की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि हमने 5 दिन पहले ही फाइल कर दी थी।

"आपके वकील ज्यादा स्मार्ट हैं"
माफीनामे को लेकर अदालत ने ये कहा कि आपसे ओरिजनल माफी नामा पेश करने को कहा गया था। मगर आपने फोटो कॉपी को फाइल किया है। ये हमारे आदेश के खिलाफ है। हमने कहा था जैसा माफीनामा है, वैसे ही पेश करें। इस पर पतंजलि की तरफ से वकील ने कहा कि जैसा बताया था, वैसा ही फॉर्मेट है। हालांकि, रामदेव की तरफ से इस जवाब पर जस्टिस अमानतुल्लाह बेहद नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यहां बहुत ज्यादा कम्युनिकेशन गैप है। हमें ऐतराज है। ये जानबूझकर किया जा रहा है। आपके वकील ज्यादा स्मार्ट हैं। हमें लग रहा है कि आपके वकील क्लाइंट को ज्यादा बार कोर्ट में पेश करना चाहते हैं, उतना हम नहीं चाहते हैं। पूरा न्यूज पेपर फाइल किया जाना था। हालांकि, कोर्ट ने अगली सुनवाई तक रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के वकील से प्रत्येक अखबार के मेन पेज को रिकॉर्ड में दाखिल करने को कहा जिसमें सार्वजनिक माफी जारी की गई थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख के लिए रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी है।

उत्तराखंड सरकार से कोर्ट ने पूछा सवाल
रामदेव को लेकर माफीनामे के अलावा सुप्रीम कोर्ट के अंदर उत्तराखंड सरकार के कार्रवाई के खिलाफ भी सुनवाई हुई। दरअसल, उत्तराखंड की धामी सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि फार्मेसी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद द्वारा बेचे गए 14 उत्पादों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत को उत्तराखंड सरकार ने बताया कि लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने अब पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की कई दवाओं के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। जिस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि आपके अफसर ने अगस्त 2023 में इस केस का चार्ज संभाला था। उसके बाद क्या किया? क्या वो मौके पर जांच करने गए थे। वहीं, जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा कि कोर्ट के आदेश के पहले और बाद में क्या एक्शन लिया गया। कोर्ट में लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने बताया कि पतंजलि आयुर्वेद, इसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण, इसके सह-संस्थापक बाबा रामदेव और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हरिद्वार के समक्ष ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज अधिनियम 1954 के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है। सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को 14 मई तक जवाब देने के निर्देश दिए। इस पर अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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