आपको वो उत्तराखंड टनल वाला हादसा याद है,, वही जिसमें 41 से ज्यादा मजदूर फंसे हुए थे,.. जिसको लेकर कई दिनों तक बचाव ऑपरेशन भी चला.. अब आप सोच रहे होंगे की आखिर हम इतनी पुरानी घटना को फिर से क्यों याद दिला रहा हूं। तो वो इसलिए क्योंकि, उत्तरकाशी में जिस टनल का काम हो रहा था उसे नवयुग इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बना रही थी। जिसने करोड़ों का चंदा एक पार्टी को दिया है। अब हो सकता है कि उसी वजह से उसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई हो। या फिर हो सकता है कि उसी की वजह से उसे उत्तरकाशी के टनल का टेंडर मिला हो।
1-1 करोड़ रुपए के 30 बॉन्ड खरीदे
पिछले साल 12 नवंबर को उत्तरकाशी में ढही सिलिकारा टनल का निर्माण यही कंपनी कर रही थी, और अगर आंकड़ों की मानें तो, इस कंपनी ने कम से कम 55 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। वहीं चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों के अनुसार, जिसे इलेक्शन कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है, उसमें नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने 2019 में 45 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे और 2022 में 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।. इसमें से कंपनी ने 18 अप्रैल 2019 को 30 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा था। वहीं आप इस लिस्ट में देख पा रहे होंगे कि 1-1 करोड़ रुपए के 30 बॉन्ड लगातार एक के बाद एक खरीदे गए हैं।
अक्टूबर 2018 में छापा, 18 अप्रैल 2019 को बॉन्ड खरीदे
नवयुग इंजीनियरिंग की तरफ से साल 2019 और साल 2022 में खरीदे गए हर चुनावी बॉन्ड की कीमत 1 करोड़ रुपये थी।. अब इसके पीछे कि क्या कहानी रही उसे भी आप समझ लीजिए। दरअसल, जुलाई 2018 में इस कंपनी के दफ्तर पर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ROC ने छापा मारा था। यह छापा कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा था। इसके बाद अक्टूबर 2018 में इनकम टैक्स विभाग ने भी कंपनी पर छापेमारी की थी। जिसमें नवयुग कंपनी पर टैक्स चोरी का आरोप लगा था। वहीं, इस छापे के लगभग छह महीने बाद कंपनी की तरफ से सबसे ज्यादा 30 बॉन्ड 18 अप्रैल 2019 को खरीदे गए और फिर 10 अक्टूबर 2019 को 15 बॉन्ड खरीदे और बाकी बॉन्ड 10 अक्टूबर 2022 को खरीदे। हालांकि, 2022 में कंपनी की तरफ से किसी तरह का चुनावी बॉन्ड खरीदने की कोई जानकारी नहीं मिली। पर यहां पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर क्या मजबूरी रही होगी कि छापे के कुछ महीने बाद ही एक पार्टी को इतनी मोटी रकम देनी पड़ी,,, और इन सबके बावजूद एक और सवाल वो ये कि आखिर उत्तरकाशी टलन में इतनी बड़ी दुर्घटना हुई पर इसके बावजूद भी इस कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पर जो सवाल अभी तक छुपा हुआ है वो ये कि आखिर इस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया, पर चिंता ना करिए इसका भी जवाब सोमवार तक पूरे देशवासियों के सामने होगी, क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से पूरा डिटेल देने के लिए सोमवार तक का समय दिया है।
PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA