पहले चरण का मतदान देख BJP मुस्तैद, लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए ये फैक्टर बढ़ा रही मुसीबत

By UltaChashmaUC | April 26, 2024

पहले चरण के बाद दूसरे चरण का रण देश में आज शाम को हो गया। हालांकि, इस बार चुनाव पिछले चुनाव से बेहद अलग दिखाई दे रहा है। 2019 जैसी परिस्थितियां इस बार 24 के चुनाव में बदली बदली दिखाई दे रहीं हैं। इस बार बीजेपी के लिए जीत हासिल करना इतना आसान नहीं है। एक तरफ बीएसपी है, तो दूसरी ओर लोकल मुद्दे काफी हावी दिखाई दे रहे हैं।
गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का टिकट कटने के बाद ठाकुर समाज की नाराजगी भी निकल कर सामने आ रही है। दूसरे चरण में भी यूपी की आठ सीटों पर मतदान हुआ। इसमें अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा की सीट शामिल हैं।

बीजेपी के स्टार कैंडिडेट की किस्मत ईवीएम में कैद

दूसरे चरण में टीवी के राम अरुण गोविल, जानी मानी अभिनेत्री हेमा मालिनी का भविष्य का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है। पहले चरण में वोटिंग के बाद विपक्ष का बांछे खिली हुईं हैं। जिसको लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एटा की रैली में कहा कि पहले चरण के रुझान आने लगे हैं। बीजेपी पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी साफ होती हुई नजर आ रही है। एक तरफ विपक्ष आश्वस्त है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के लिए चिंता की बात जरूर है। दूसरे चरण की राह भी बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। बीजेपी के सामने कई चुनौतियां हैं। जिससे वो कैसे पार पाएगी ये अपने आप में बड़ा सवाल है।

गर्मी बन गई बीजेपी के लिए खलनायक
पहले चरण में यूपी की आठ सीटों पर सिर्फ 60.25 प्रतिशत ही मतदान हुआ। जो कि बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं हैं। दरअसल कहा जाता है कि कम वोटिंग होने से हमेशा बीजेपी को नुकसान होता रहा है। शायद यही वजह है कि दूसरे चरण में बीजेपी ने बूथ पर सक्रियता बढ़ा दी। दूसरे चरण में पन्ना प्रमुखों को हर बूथ से वोटर्स को निकालने का टारगेट दिया गया था। एक पन्ना प्रमुख को 60 वोट, घर से निकालने की जिम्मेदारी दी गई थी। पश्चिम यूपी में बेहद ही कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। ऐसे में हर एक वोट का महत्व है। इस बीच अगर गर्मी और ज्यादा बढ़ जाती है तो वोटर्स बूथ तक जाने में लापरवाही भी कर सकते हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए ये अच्छी खबर नहीं है।

राजपूत वोटरों की नाराजगी
बीजेपी के लिए एक और बुरी खबर निकल कर सामने आई है। यूपी में दूसरे चरण में गाजियाबाद में भी वोटिंग हुई। गाजियाबाद वो सीट है जहां से बीजेपी ने वीके सिंह का टिकट काट दिया। इससे राजपूत समाज में नाराजगी बताई जा रही है। वहीं बीएसपी ने गाजियाबाद, नोएडा में राजपूत उम्मीदवार उतार दिए हैं। जबकि भाजपा ने गाजियाबाद में वैश्य अतुल गर्ग को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा के उम्मीदवार नंद किशोर पुंडीर ठाकुर हैं और कांग्रेस की उम्मीदवार डॉली शर्मा ब्राह्मण हैं। नोएडा में बीजेपी के उम्मीदवार पूर्व मंत्री और दो बार के सांसद महेश शर्मा भाजपा के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि उनके मुकाबले सपा के डॉ. महेंद्र नागर, एक गुर्जर और बसपा के पूर्व विधायक राजेंद्र सोलंकी राजपूत हैं।

लोकल मुद्दे हावी
बीजेपी चाहती है कि लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट पड़े तो बीजेपी को फायदा हो सकता है। लेकिन विपक्षी खेमे ने लोकल मुद्दों को जोर शोर से उठाना शुरू कर दिया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश को राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठा दिया है। इसके साथ ही मेरठ, बागपत, बुलन्दशहर सीटों पर गन्ने की कीमतें और उनका समय पर भुगतान, आवारा जानवरों की समस्या, और बंद फैक्ट्रियां जैसे मुद्दे छाए गए हैं। गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर मतदाताओं के पास फ्लैटों की रजिस्ट्री, भूमि अधिग्रहण और मुआवजा मिलने में देरी जैसे मुद्दे हावी हैं।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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