दिल्ली कूच पहले रोका गया किसानों का रास्ता, सीमेंट से बनाई गई बैरिकेडिंग और सड़क पर ठोकी कीलें

By UltaChashmaUC | February 10, 2024

किसान आन्दोलन ( Kisan Andolan ) अभी ख़तम नहीं हुआ. इसका सन्देश शायद किसानों ने प्रशासन को दे दिया. आपको बता दें की १३ फ़रवरी को किसानों के दिल्ली कूच की खबर पर हरियाणा और पंजाब बॉर्डर पर कुछ हैरत अंगेज़ देखने को मिला. आखिर ऐसा क्या हुआ की हरयाणा की पुलिस प्रशासन ने ये एलन कर दिया जो भी इसका हिस्सा बनेगा उसका पासपोर्ट कैंसिल कर दिया जायेगा.

 

सीमेंट बैरिकेडिंग से रोका किसानों का रास्ता

किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री को भारत रत्न मिले हुए समय भी नहीं हुआ था. उससे पहले ही हरयाणा और पंजाब के बॉर्डर पर किसान के दिल्ली कूच करने की ख़ुफ़िया एजेंसी की खबर से बॉर्डर पर सीमेंट बैरिकेडिंग लगा दिया गया है. आपको बता दें हाल में ही नॉएडा अथॉरिटी से से अपनी मांगो को लेकर १०० गाँव से दिल्ली कुछ करने वालें किसानों ने प्रशासन के खिलाफ एक ऐलान किया की अगर हमारी मांग 12 फ़रवरी तक पूरी नहीं की गयी तो वो फिर से मार्च करेंगे. जिसको लेकर हरयाणा के पुलिस प्रशासन मुस्तेदी में जुट गयी. हरयाणा और पंजाब के बॉर्डर पर सुरक्षा व्यस्था मजबूत कर दी गयी है. खबर ऐसी भी है की दिल्ली सेंट्रल पुलिस ने ये ऐलान किया है की पंजाब हरयाणा और दिल्ली में पुलिस बल फाॅर्स इन्हें अधिक संख्या में उपलब्ध करवाई जाएगी. तो ये पूरी प्लानिंग हो चुकी है की किसानों की कोई भी मांगो को भारत सरकार नहीं सुनेगी. क्यूंकि तैयारी पहले से ही कर दी गयी है. इसके अलवा हरयाणा के शम्भू बॉर्डर पर सीमेंट से बने बर्रिकाडिंग को लगाया गया है. हाईवे के नीचे के पटल पर भी जेसीबी से उसे खोदा जा रहा था की किसी भी दिशा से किसानों को बॉर्डर पर ही रोक लिया जाए.

 

ये हैं किसानों की मांगे 

किसान आन्दोलन ( Kisan Andolan ) के समय से किसानों की एम एस पी पर कानून की मांग फिर से बनी हुई है इसके साथ एमएसपी पर गारंटी हो. स्वमिनाथन की रिपोर्ट के हिसाब से एमएसपी पर दाम तय किया जायें. किसान आन्दोलन ( Kisan Andolan ) के समय शहीद हुए किसानों को मुआवजा और उनके परिजन को सरकारी नौकरी. इसके अलावा लखीमपुर खीरी के दोषियों को सजा दी जायें. मंनरेगा को किसानों से जोड़े की मांग और ७०० रूपया दिहाड़ी तय की जाये. और भी ऐसे ही मांगो को लेकर किसान सम्भावित १३ फ़रवरी को दिल्ली कूच कर सकते है.

किसानों का सरकार को अल्टिमेटम

आपको बता दें किस हाल के दिनों के प्रोटेस्ट में १०० गाँव के किसानों ने नॉएडा औथोरिया से अपनी जमीन का मुआबजा मांग रहे किसानों ने सरकार को अल्टिमेटम दे दिया है की मांगे पूरी हो या फिर हम दिल्ली कुछ करेंगे. लेकिन सर्कार सिर्फ उन्हें रोकने की कोशिशो का प्रबंध कर लिया है. आपको बता दें की इससे पहले भी किसानों के प्रदर्शन स्थल की सड़कों पर लोहे की किले कटीले तार सीमेंट के बरिकेड के बीच लोहें की झडें. इसको इस तर्ज़ पर लगाया जा रहा है की किसान आन्दोलन के समय रिपब्लिक डे की ट्रेक्टर परेड हुई थी जिसमें हिंसा हुई और ३९४ सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे. सवाल बनता है की इस देश में तमन आन्दोलन हुए. देश को आजाद करवाने में आंदोलनों का एक अहम् हिस्सा रहा. क्या अब हमारा बेसिक प्रोटेस्ट करने का अधिकार भी हमसे छीन लिया जायेगा.

 

हरियाणा की पुलिस ने ये भी एलन किया है की अगर किसी ने भी इस प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने की कोशिश की. उसे ड्रोन से चिन्ह्हित किया जायेगा और उसका पासपोर्ट कैंसिल कर दिया जायेगा. ये तो अब 13 फ़रवरी को ही पता चलेगा की किसानों को ये भारत रत्न कितना भावा.

 

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