जिंदा है पूनम पांडेय, इस वजह से फैलाई थी मौत की फर्जी खबर…

By UltaChashmaUC | February 3, 2024

पूनम पांडे के ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर ही उनके मौत की खबर शेयर की गई, जिसके बाद हर तरफ जैसे तूफान सा मच गया। इस पोस्ट में बताया गया कि पूनम का निधन सर्वाइकल कैंसर की वजह से हो गया और इस वक्त उनके अपने सदमे में हैं। सदमा तो हर किसी को लगा क्योंकि दो दिन पहले तक पब्लिक इवेंट में ग्लैमरस और हेल्दी दिख रहीं पूनम को अचानक सर्वाइकल कैंसर ने निगल लिया, इसे लेकर यकीन कर पाना हर किसी के लिए मुश्किल हो रहा। इसलिए कई लोगों को पहले ही इस बात पर शक था कि सच में उनकी मौत हुई भी है या नहीं? हालांकि खबर आई कि उनके मैनेजर ने पूनम के निधन की खबर को कन्फर्म किया है, लेकिन उनकी डेड बॉडी किस हॉस्पिटल में है, इसे लेकर उनके पास कोई जवाब नहीं था। हालांकि, उनके माता पिता और परिवार से भी कॉन्टेक्ट नहीं हो पा रहा था।

पूनम पांडे का वीडियो
अगले ही दिन पूनम का एक विडियो उनके इन्स्टा अकाउंट पर आया जिसमे खुद पूनम इस नाटक के लिए माफ़ी मांगते हुए ये सब करने की वजह बता रही थीं। सुनिए क्या कह रही है पूनम पाण्डेय। यानि जिससे साफ है कि पूनम पांडे ने अपनी मौत की खबर जान बूझकर एक खास मकसद से फैलाई है।

एक दिन पहले ही सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन को लेकर ऐलान किया था
इस घटना से एक दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया था। इसमें उन्होंने सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने बजट के दौरान बताया कि सरकार सर्वाइकल कैंसर रोकने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन ड्राइव चलाएगी। इसमें 9 से 14 साल की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगाई जाएगी, ताकि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम की जा सके। वहीं डॉक्टर्स की मानें तो देश में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है। इसकी वजह से हर साल हजारों महिलाएं अपनी जान गंवा रही हैं। हालांकि, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है और सही उम्र में वैक्सीन लगवाने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा 98 पर्सेंट तक कम किया जा सकता है।

वैक्सीन प्रमोट करने के लिए किया ये नाटक
सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन को प्रमोट करने के लिए पूनम ने अपनी मौत की खबर फैलाई। जागरुकता फैलाने के लिए उन्होंने ये कदम उठाया। हालाँकि, सोशल मीडिया पर लोग इसे एक भद्दा मज़ाक मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि जागरूकता फैलाने के कई तरीके होते हैं लेकिन इस तरह मौत का भद्दा मज़ाक करना ठीक नहीं है। जिसे एक पब्लिसिटी स्टंट से जादा और कुछ नहीं माना जा सकता।
PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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