अपना हो या पराया, पार्टी और मूवमेन्ट से बड़ा कोई नहीं… मायावती ने एक बार फिर दिया संदेश

By UltaChashmaUC | May 8, 2024

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से दूर कर दिया है। मायावती ने आकाश आनंद को इमैच्योर कह कर पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया है। हालांकि, उन्होंने आकाश आनंद को लोकसभा चुनाव से पहले नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। मगर कल देर शाम बसपा सुप्रीमो ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर आकाश को पार्टी से दूर करने की बड़ी घोषणा की है। मायावती ने उन्हें पद से हटाने को लेकर किए गए पोस्ट में लिखा कि पार्टी और मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।

नई पीढ़ी को तैयार किया जा रहा
मायावती भतीजे आकाश को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करते हुए कहती हैं कि विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी और मैंने खुद भी अपनी पूरी जिन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी और मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। इसके अलावा मायावती ने आकाश आनंद के पिता को लेकर भी एक ट्वीट किया। मायावती ने कहा कि आकाश के पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी और मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे। अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी और मूवमेन्ट के हित में और बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग और कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।

भाई को भी किया था पार्टी से बाहर
मायावती के इस बड़े फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल सा आ गया। वैसे, आपको बता दें कि मायावती अक्सर अपने इसी तेवर के लिए जानी जाती हैं। कहा जाता है कि बसपा सुप्रीमो का ये उसूल है कि अगर कोई भी व्यक्ति या नेता पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ जाता है, तो वे उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देती हैं। क्योंकि मायावती ने ये पहली बार नहीं किया है, इससे पहले भी कई नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं। जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थी तो उनके सरकार में मिनी मुख्यमंत्री कहे जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भी उन्होंने साल 2017 में पार्टी से बाहर कर दिया था। साथ ही बसपा सुप्रीमो ने अपने भाई आनन्द को भी पार्टी नियमों के उल्लंघन में बाहर कर दिया था।

"बीजेपी सरकार गद्दारों की सरकार"
आकाश आनंद को पार्टी के बाहर करने के बाद मायावती के एक्शन को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्योंकि ऐसा कर के मायावती ने यह राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है कि वह कीचड़ उछाल की राजनीति नहीं करती हैं। अपना हो या पराया, किसी को भी पार्टी के सिद्धांतों से ऊपर नहीं रखती हैं। साथ ही आकाश आनंद को हटाकर मायावती ने संदेश देने का काम किया है कि उनके लिए परिवार नहीं पार्टी और मूवमेंट जरूरी है। मगर इन सबके पीछे एक सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर मायावती ने आकाश को बाहर क्यों किया? बता दें, सीतापुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक भाषा के साथ चार अन्य मामलों में आकाश आनंद के ऊपर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि बीजेपी सरकार बुलडोजर सरकार और गद्दारों की सरकार है। जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा छोड़ती है और बुजुर्गों को गुलाम बनाती है वह आतंकवादी सरकार है। इस बयान के बाद आकाश के ऊपर शिकायत दर्ज कर ली गई और इसी भाषण के बाद बसपा ने बिना कोई कारण बताए आकाश आनन्द के आगे की सभी प्रस्तावित रैलियों को रद्द कर दिया।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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