LAL KRISHNA ADVANI: क्या है भारत रत्न पाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी का राजनीतिक करियर? आखिर क्यों मिल रहा है भारत रत्न

By UltaChashmaUC | February 3, 2024

भाजपा के नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले 2015 में उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी के साथ सोशल मीडिया पर दो फोटो शेयर करते हुए लिखा कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मोदी जी ने उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी। देश के विकास के लिए उनका य़ोगदान कोई भूल नहीं सकता है। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उप प्रधानमंत्री पद तक पहुँचे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के बाद आडवाणी भारत के ऐसे दूसरे नेता और 50वें शख्स हैं, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया जा चुका है। केंद्र सरकार साल में 3 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित कर सकती हैं।

पाकिस्तान के कराची में जन्में लाल कृष्ण आडवाणी
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और माता का नाम ज्ञान देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। उनकी प्राथमिक शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक विद्यालय से हुई।

1947 में बंटवारे के समय आए मुम्बई
1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ, उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी देश आजाद होने का जश्न भी नहीं मना सकें क्योंकि आजादी के कुछ घंटो बाद ही उन्हें अपना घर छोड़कर भारत वापस आना पड़ा। उस वक्त ही उनका पूरा परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई में आकर रहने लगा। लाल कृष्ण आडवाणी ने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी हैं। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।

लम्बे समय तक रहे भाजपा के अध्यक्ष
राजनीति में लाल कृष्ण आडवाणी की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए से हुई थी। कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान के आरएसएस के प्रचार के कामों में लगे रहे। यह भारतीय जनता पार्टी के मुख्य कार्यकर्ता माने जाते हैं। आडवाणी ने 1980 से 1990 के बीच भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने का काम किया था। आडवाणी जी तीन बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है। 1984 में केवल दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव में 86 सीटें मिली। 1992 में 121 सीटें और 1996 में 161 सीटों पर जीत हासिल की। उस समय भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा संख्या वाली पार्टी बनकर सामने आई थी।
PUBLISHED BY- SWATI PANDEY

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