मुस्लिम वोटो के लिये आज़म से दोस्ती दिखा रहे है राजनितिक दल? जेल मे मिलने पहुंचे औवेसी!

By UltaChashmaUC | October 27, 2023

 

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan)का पुराना राजनीतिक इतिहास है, वह 10 बार के विधायक के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा के भी सांसद रह चुके है। आजम खान सियासत मे अपने तलह तेवरों और बयानबाजी के लिए भी चर्चा मे रहते है। लेकिन इन दिनों आजम खान शांत है। आजम खान मायूस है। आजम खान जेल मे है। लेकिन आजम खान के जेल मे होने के बावजूद भी वह यूपी मे सियासत का केंद्र बने हुए है।

आज़म खान को  साथ लेना चाहता है विपक्ष।

एक तरफ समाजवादी पार्टी आज़म खान (Azam Khan) के साथ खड़ी है तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां भी उनके साथ खड़ा होना चाहती है या यूं कहे, दिखना चाहती है। आजम खान को फर्जी दस्तावेज़ बनवाने के मामले मे 7 साल की सजा के बाद सीतापुर जेल मे बंद कर दिया गया है। और सिर्फ वही नहीं बल्कि उनका बेटा अब्दुल्लाह आजम हरदोई और उनकी पत्नी तंज़िन फातिमा रामपुर जेल मे बंद है। अब आजम खान से मिलने और उनके मुद्दे को भुनाने के लिए कांग्रेस भी कोशिशों मे लगी है। कोशिश है की कैसे यह दिखाया जाए की सपा से ज्यादा कांग्रेस को आजम खान की चिंता है। कोशिश है की दिखाया जाए कैसे कांग्रेस के नेता आजम खान के लिए फिक्रमंद है। कोशिश है की कैसे मुसलमानों तक यह संदेश चला जाए की आजम खान के लिए कांग्रेस लड़ाई लड़ना चाह रही है, कोशिश है की कैसे चुनाव से पहले मुसलमानों को अपने पक्ष मे लाया जाए।

मुलायम सिंह यादव ने सपा मे कराई थी रिज्वाईनिंग

आजम खान है ही ऐसे नेता की सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि असदुद्दीन ओऐसी (Asaduddin Owaisi) हैदराबाद से चलकर सीतापुर जेल मे आजम खान (Azam Khan) से मिलने की कोशिश कर चुके है। आजम खान की पकड़ सिर्फ रामपुर नहीं बल्कि पूरे उत्तरप्रदेश के मुसलमानों पर मानी जाती है। यही वजह है की समाजवादी पार्टी से नाराजगी के बाद एक बार पार्टी छोड़ चुके आजम को दोबारा जॉइनिंग कराने के वक्त नेता जी यानि मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने गर्मजोशी से इस्तकबाल किया था। समाजवादी पार्टी के बने 3 दशक से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन आजम खान की जगह पर न तो पार्टी ने किसी को बैठाला और न ही कोई बैठ सका।

मुस्लिम वोटो पर नज़र

वहीं अगर यूपी की सियासत मे मुस्लिम फैक्टर की बात की जाए तो 30 से अधिक लोकसभा सीटों पर 20 फीसदी से भी ज्यादा मुस्लिम आबादी है। 6 सीटों पर तो 50 प्रतिशत के आसपास मुस्लिम आबादी है। 12 लोकसभा मे मुसलमान 30 से 40 फीसद तक है। रामपुर, अमोढ़, संभल, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, बीजनोर, कैराना, नागिन, मुजज़फ्फरणग्र, अलीगढ़, बरेली, बहराइच, आजमगढ़, घोसी, गाजीपुर के साथ और भी कई सीटें है जिनपर यह मुस्लिम मतदाता पार्टी को जीता या हरा सकता है।

Published By- Shikha Pandey

आज़म खान को साहानुभूति देने पहुंच रहे विपक्षी नेता, क्या मुस्लिम वोटो पर है नज़र?

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