देश में इस बार कम वोट पड़ने के ये हैं कारण, यूपी में 2019 के मुकाबले 5.9 फीसदी कम वोट

By UltaChashmaUC | April 20, 2024

देश में पहले चरण का चुनाव खत्म हो गया है। चुनाव के बाद वोटिंग में कमी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस बार का वोट परसेंटेज बहुत कम रहा। देश के 21 राज्यों में हुए पहले चरण के मतदान में हम बात यूपी राज्य की करेंगे। यूपी लोकसभा सीटों में देश का सबसे बड़ा राज्य है। जहां लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 8 सीटों पर 60.59 प्रतिशत मतदान हुआ। यूपी के 8 सीटों में से सबसे अधिक वोटिंग  65 प्रतिशत सहारनपुर में हुआ, जबकि रामपुर में 55 प्रतिशत के लगभग  मतदान के साथ सबसे पीछे रहा। अगर पिछले चुनाव के मुकाबले  बात करें तो साल 2019 के पहले चरण के मुकाबले इन सीटों पर करीब 5.9 फीसदी कम वोट पड़े हैं।

गर्मी, गेहूं और गन्ने का सीजन बना वजह
उत्तर प्रदेश के 8 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम रहा और इसकी वजह अगर देखी जाएं तो ये सारी सीटें पश्चिमी यूपी की है, जहां इस समय गन्ना और गेहूं की फसल को काटा जा रहा है। जिसे एक बड़ी वजह मानी जा रही है। इसके अलावा अगर देखा जाएं तो धूप का प्रकोप भी बना रहा जिसकी वजह से लोग वोट देने लेट पहुंचे। वोट परसेंटेज कम होने के और भी कई वजहें है। जैसे इस बार के चुनाव में मोदी लहर जो की 2014 और 2019 में थी वो इस बार नहीं देखने को मिली। यही वजह है कि लगातार लोगों का उत्साह चुनाव को लेकर भी कम रहा है और साथ-साथ निर्वाचन आयोग के तरफ से चुनावी अभियान या मतदान की जागरूकता भी कम देखने को मिलीं।

 कहीं बहिस्कार तो कही आरोप का बना रहा माहौल
8 लोकसभा सीटों पर चुनाव की वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिला वोटरों के बुर्का उठा कर उनकी पहचान की जा रही थी। जिसको लेकर उनमें एक तरह का असहजता नजर आई, हालांकि अगर आंकड़ों की बात की जाए तो कुल 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव में 60% के लगभग मतदान हुए, जिसमें सहारनपुर प्रथम स्थान पर रहा यहां पर 65 % के लगभग मतदान हुए प्रदेश में बड़ी विपक्षी पार्टी सपा ने चुनावी प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े किए जैसे मुस्लिमों महिलाओं की बुरखे उठा कर पहचान करना अलग से, मुस्लिमों के आधार कार्ड के से पहचान करना अलग से, इसके अलावा वोट डालने में देरी हुई।

राकेश टिकैत ने कहा खर्च कम किया
वहीं इस बार कम वोटिंग को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी नाम का कोई आदमी नहीं है, सरकार किसी भी बने आंदोलन करके चुनौती देंगे। मुजफ्फरनगर में चुनाव ढीला लड़ा गया, खर्चा भी कम किया। चुनाव में गर्माहट कम दिखी, जातिवाद चुनाव में हावी दिखा। चुनाव क्षेत्रवाद और जातिवाद पर ज्यादा लड़ा गया, वोट परसेंट कम रहा। साथ ही सपा ने आरोप लगाया है कि कैराना में वोटरों को मतदान से रोका जा रहा है। सपा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- कैराना लोकसभा के गंगोह में बूथ संख्या 7 पर प्रशासन द्वारा लोगों को मतदान करने से रोका जा रहा है।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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