दिल्ली शराब घोटाले की असली कहानी, अरबिंदो फार्मा के निदेशक को ED ने गिरफ्तार किया, 5 दिन बाद कंपनी ने खरीदा चुनावी बॉन्ड

By UltaChashmaUC | March 22, 2024

अरविंद केजरीवाल को  गुरुवार  की देर रात  ईडी ने उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। पर क्या आप उस शराब घोटाले के असल मामले को जानते हैं। जिस मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया उसकी कहानी बीजेपी से जुड़ी हुई है। दरअसल, 10 नवंबर 2022 को, ईडी ने दिल्ली सरकार की शराब नीति में  और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरबिंदो फार्मा नाम की कंपनी के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया था। और उसके पांच दिन बाद, 15 नवंबर को, अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदकर बीजेपी को चुनावी चंदा दिया। जिसके बाद ईडी ने उसे जमानत दे दी और ये पूरी कहानी वहीं से शुरू होती है।

52 करोड़ फंडिंग गिरफ्तारी के बाद बीजेपी को
जब कोर्ट ने उन्हें माफ कर रिआह कर दिया तो उसके बाद अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सारथ रेड्डी शराब घोटाले के मामले में सरकारी गवाह बन गए। हालांकि सरकारी गवाह बनने पर ईडी ने ये कहा कि रेड्डी अपनी इच्छा से दिल्ली में शराब नीति बनाने और लागू करने में सभी पॉलिसी का खुलासा करेंगे। तो वहीं जब  रेड्डी को गिरफ्तार किया गया था तो ईडी ने ये कहा था कि ये साउथ ग्रुप" का हिस्सा थे, जिसने कथित तौर पर आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की फंडिंग की थी।  जिसका इस्तेमाल गोवा के चुनावों में किया गया पर इन सब के पीछे एक अलग और बेहद शर्मनाक सच छुपा हुआ है। दरअसल, इलेक्शन कमीशन ने जब इलेक्टारल बॉन्ड की जानकारी को देश के समान रखा तो उसमें ये पता चला कि इस कंपनी के मालिक के गिरफ्तारी के बाद से इसने बीजेपी को 52 करोड़ की फंडिंग कि जिसके बाद इसे छोड़ दिया गया और बाद में ये ही कंपनी इस मामले में आम आदमी पार्टी के खिलाफ सरकारी गवाह बन गया।

27 बॉन्ड बीजेपी के नाम से खरीदे
आप इस तस्वीर को देखिए। ये इलेक्टोरल बॉन्ड की लिस्ट है जिसमें ऊपर से लेकर नीचे कर अरबिंदो फार्मा कंपनी का नाम है और इसने 27 बॉन्ड बीजेपी के नाम से खरीदे हैं। आप दूसरी तरफ बीजेपी का नाम भी देख सकते हैं.. और अगर तारीख पर गौर करेंगे तो ये तारीख है 8 नवंबर 2023 और 15 नवंबर 2022 है ठीक पहली गिरफ्तारी से 5 दिन बाद। और इसने एक-एक करोड़ के 27 बॉन्ड खरीदे हैं। अब आप सोच सकते हैं कि आखिर ये फंडिंग किस लिए की गई होगी। पर अभी ये कहानी यही खत्म नहीं हुई है । जब 15 नवंबर 2022 को इस कंपनी ने पहली फंडिंग की और इसे जमानत दे दी गई तो, इसके बाद से ही आम आदमी पार्टी के नेताओं के ऊपर ईडी खुल्ला छोड़ दिया गया। जिसका अंजाम ये हुआ कि 26 फरवरी 2023 को 8 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम  मनीष सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया।

इन नेताओं की इस दिन गिरफ्तारी
रेड्डी के सरकारी गवाह बनने के बाद ये तो पहली गिरफ्तारी थी जिसके बाद आप ने आरोप लगाया कि इस गिरफ्तारी का सबूत ईडी ने अभी तक पेश नहीं कर पाई है, पर इन सब के बावजूद भी उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है.. तो वहीं दूसरी गिरफ्तारी,संजय सिहं की अक्टूबर 2023 को हुई। जो अभी तक जेल में बंद हैं और फिर इस घोटाले में तीसरी और सबसे बड़ी गिरफ्तारी अरविंद केजरीवाल की हुई। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी से पहले ईडी ने लगभग ढाई घंटे पूछताछ की और घर की तलाशी ली, जिसमें मात्र उनके घर से 75 हजार रुपए मिले, पर उनके खिलाफ एक भी कोई सबूत नहीं मिला, इसके बावजूद देर रात केजरीवाल को ईडी गिरफ्तार कर ली। इस गिरफ्तारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं, एक तो ये कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया  जा रहा है तो दूसरी तरफ कंपनियों को डरा-धमका कर उनसे चंदा वसूला जा रहा है, और बाद उसी कंपनी का विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल भी किया जा रहा है। जिसे आप कह सकते हैं कि ये लोकतंत्र की हत्या के तौर पर पेश किया जा रहा है।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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