क्या 2019 में मोदी EVM की गड़बड़ी की वजह से जीते थे? ECI ने किया खुलासा

By UltaChashmaUC | April 8, 2024

क्या साल 2019 में EVM के साथ छेड़खानी की गई थी? क्या 2019 का चुनाव मोदी EVM की वजह से जीते थे? क्या वोटरों से ज्यादा EVM मशीन में पड़े वोटों की संख्या थी? इन सभी सवालों के जवाब इलेक्शन कमीशन ने दिया है। साथ ही चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही EVM के गड़बड़ी की खबरों को लेकर भी खुलासा किया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि 2019 के आम चुनावों के समय कई संसदीय क्षेत्रों में ईवीएम से गिने गए कुल वोटों की संख्या वोटरों से ज्यादा थी। जिसको लेकर ही बीच चुनाव आयोग ने अपना जवाब सबके सामने रखा है। ECI ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि ये फर्जी डाटा है।

मोदी के वाराणसी सीट पर गड़बड़ी का दावा
इलेक्शन कमीशन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर कहा कि- "चुनाव आयोग के पत्र के हवाले से एक झूठा दावा किया जा रहा है कि 2019 के आम चुनाव में 373 संसदीय क्षेत्रों में कुल मतदाताओं और ईवीएम में डाले गए वोटों के बीच अंतर था। इस तरह के दावे भ्रामक, फर्जी और निराधार हैं। इलेक्शन कमीशन ने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है।"

https://twitter.com/ECISVEEP/status/1776892407814234448

वहीं, एक और पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर ये कहा जा रहा है कि 2019 के चुनाव में वाराणसी सीट से यानी मोदी के सीट पर मतदाताओं और EVM में डाले गए वोटों की संख्या अलग थी। उस पोस्ट में दावा किया जा रहा था कि वोट करने वाले लोग कम थे और वोटों की गिनती आंकड़ों के हिसाब से बहुत ज्यादा निकला। इस पर भी चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि यह दावा भ्रामक और फर्जी है। वाराणसी में कुल 18,56,791 मतदाता थे और ईवीएम में डाले गए और गिने गए कुल वोट की संख्या 10,58,744 थी। इसके अलावा 2085 लोगों ने बैलट पेपर से वोट दिया था।

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट पर ECI का जवाब
इन दावों के साथ एक और दावा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था। जिसमें दावा किया गया था कि इस बार कोई सरकारी कर्मचारी पोस्टल बैलेट के जरिए वोट नहीं डाल पाएगा। हालांकि, इलेक्शन कमीशन ने इन बातों को भी एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये सब बातें फर्जी और समाज में भ्रामक फैलाने वाली हैं।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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