THREE CRIMINAL LAW: बिना सांसदों के पास हुए तीन बड़े कानून क्या हैं?

By UltaChashmaUC | December 20, 2023

संसद भवन से 143 सांसदों को निलंबित करने के बाद अमित शाह ने तीन बड़े कानून बिल लोकसभा से पास कराए हैं। आखिर इस बिल को पेश कर पास कराने के बाद क्या-क्या बदलेगा और सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर इसे सांसदों के निलंबन के बाद ही क्यों पास किया गया। इसके पीछे भाजपा का मकसद क्या है। , इन सभी सवालों के जवाब आज हम आपको इस वीडियो में देंगे।
इस बिल को पेश करने के लिए अमित शाह संसद में खड़े हुए और उन्होंने इसे रखते हुए कहा कि मैं इन तीन विधेयकों को लेकर आया हूं। आपने उन्हें स्थायी समिति को भेजने की मांग की। समिति ने उसमें कई संशोधन करने की अपील की थी और संसोधन के बाद मैं वो तीनों बिल वापस लेकर एक नए बिल के तौर पर आया हूं। जिसके तहत पहले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 485 धाराएं थी लेकिन अब नए कानून में 531 धाराएं होंगी। कहने को तो अमित शाह ने बहुत कुछ कहा, उन्होंने एक लंबा चौड़ा भाषण दिया पर मैं आपको शार्ट में उनकी बातों और तीनों कानूनों के बारे में बताता हूं।
 मॉब लिंचिंग कानून क्या है
इस कानून के तहत मॉब लिंचिंग को हत्या की परिभाषा में जोड़ा गया है। जिसका मतलब है कि जब 5 या 5 से अधिक लोगों का एक ग्रुप एक साथ मिलकर नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म, स्थान भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य आधार पर हत्या करता है, तो ऐसे समूह के हर सदस्य को फांसी या जेल की सजा दी जाएगी। इसके तहत कम से कम 7 साल और अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उसके खिलाफ जुर्माना भी लगाया जाएगा।
राजद्रोह को देशद्रोह में बदला गया
वहीं दूसरे कानून के बारे में बात करेंगे तो शाह ने नए कानून में राजद्रोह को देशद्रोह में बदल दिया है। इसके तहत धारा 124 को खत्म कर दिया गया है।
वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव होने को है। नए कानून में 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, साथ ही 39 नए सब सेक्शन भी जोड़े गए हैं। 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।

बिल को लेकर लोगों ने भाजपा से पूछे सवाल
इस बिल को पास करने के बाद विपक्ष के लोगों का कहना है कि ये केवल और केवल भाजपा की तानाशाही है। इतना बड़ा बिल बिना किसी डिस्कशन के और सभी सांसदों को सस्पेंड करके पास कर दिया गया। इस मामले लोगों ने बहुत कुछ कहा। आप भी देखिए वो लोग आखिर क्या कह रहे हैं।
मेहुल मारू कहते हैं- आज भी लोकतंत्र का काला दिन है। जब भारतीय क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के 3 सबसे महत्वपूर्ण अधिनियम हैं: -IPC, CrPC , Evidence Act इनमें संशोधन होगा जो बिना चर्चा/विपक्ष के पास हो जाएंगे।

नीरज कुमार कहते हैं- R.I.P IN NEW PARLIAMENT BUILDING.....जब विपक्ष के सांसद है ही नही तो संसद का क्या वजूद बचा है...सरकार को बस जाना है।अगले 6 महीने में..भारत से ऊंचा दर्जा मोदी और मोदी।सरकार की नही हो सकती...

रीता कहती हैं- ये कौन सा बिल पास करने का तरीका है। जब 141 सांसद है ही नहीं। गजब नौटंकी है खुद ही बनाओ खुद ही मिटाओ।

सुनिल कुमार अंसल कह रहे हैं- किसे सुना रहे है अब?? धड़ाधड़ बिल लाओ और पास करवाओ।

ये इतिहास में पहली बार होगा कि इतना बड़ा बिल बिना विपक्ष के पास हो रहा है। खैर आप इस बार में क्या सोचते हैं हमें कमेंट करके जरूर बताए।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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