अखिलेश यादव के कन्नौज से लड़ने की INSIDE STORY, किसके कहने पर माने सपा अध्यक्ष

By UltaChashmaUC | April 25, 2024

यूपी की सियासत कब किस ओर करवट लेगी इसके बारे में आकलन लगा पाना बेहद मुश्किल है। सपा-कांग्रेस मिलकर इस बार यूपी की 80 सीटें जीतने की हुंकार भर रही है। इन सब में अखिलेश यादव का रोल बेहद अहम माना जा रहा है। इसी कड़ी में लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि, इस सीट से सपा ने पहले तेज प्रताप यादव को टिकट दिया था, मगर आखिर में अखिलेश ने खुद इस सीट से गुरुवार को नामांकन पत्र भरा। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उठने लगे कि आखिर किस कारण से अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ने जा रहे हैं?

गढ़ को बचाने के लिए अखिलेश मैदान में
कन्नौज लोकसभा सीट को सपा का गढ़ भी कहा जाता है। इस सीट पर दशकों से समाजवादी पार्टी की जीत होती रही है। साल 1998 से जीत का सिलसिला शुरू हुआ और साल 2014 तक इस सीट पर लगातार समाजवादी पार्टी की जीत होती रही। साल 1998 में यहां से सपा के प्रदीप यादव की जीत हुई थी। इसके बाद साल 2000 में अखिलेश यादव ने जीत हासिल की। करीब 21 साल के दबदबे के बाद साल 2019 में बीजेपी के उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराकर बीजेपी का परचम लहराया। हालांकि, उस मुकाबले में डिंपल यादव की हार करीब एक फीसदी से भी कम वोटों से हुई थी। मगर इस हार के बावजूद भी कन्नौज सीट को सपा का अभेद किला कहा जाता है। यही पहला कारण है कि उस किले को एक बार फिर से फतह करने के लिए अखिलेश यादव खुद मैदान में उतरे हैं।

कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद कन्नौज से लड़ने का फैसला
कन्नौज से लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को टिकट देने के बाद पार्टी के अंदर इस बात का विरोध होने लगा कि इस सीट पर खुद अखिलेश यादव को उतरना चाहिए, तभी जीत हासिल होगी। इसके अलावा सूत्रों का ये कहना है कि जब तेज प्रताप यादव को कन्नौज से उम्मीदवार बनाया गया तो उनकी पार्टी ने एक सर्वे कराया जिसमें पार्टी अध्यक्ष के लड़ने की मांग उठी और तेज प्रताप के टिकट का पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खुद विरोध करना शुरू कर दिया। साथ ही इसके पीछे एक और कारण है, वो ये कि अगर अखिलेश कन्नौज की सीट से चुनाव लड़ते हैं और वहां से उनकी जीत होती है तो देश और यूपी की सियासत को एक नया रंग मिलेगा। इसके अलावा यूपी की सियासत में सपा का विश्वास मत भी मजबूत होगा।

विधानसभा चुनाव के लिए सपा ने बनाई ये रणनीति
अखिलेश यादव अगर कन्नौज सीट से चुनाव लड़कर जीत जाते हैं तो फिर 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा की कैसी रणनीति होगी। इस सवाल पर जब हमने चुनावी पंडितों से बात कि तो उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव कन्नौज सीट से इस्तीफा देकर तेज प्रताप यादव को एक बार फिर से लोकसभा के उप चुनाव में मैदान में उतारेंगे और तब तक सपा की सियासत पकड़ और मजबूत हो जाएगी। जिसके बाद तेज प्रताप की जीत आसान हो जाएगी। ऐसा करने से सपा एक तीर से दो निशाने लगाने में कामयाब हो सकती है। एक तो इस बार के लोकसभा में अपने दमखम का परिचय देकर और दूसरा 2027 के विधानसभा चुनाव में एक नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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