सपा के गढ़ मैनपुरी से संघमित्रा को उतार सकती है बीजेपी? केंद्र ने प्रदेश कमेटी से मांगी रिपोर्ट

By UltaChashmaUC | April 8, 2024

लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान कर दिए हैं पर उन सीटों पर अभी भी पेंच फंसी हुई है जो हॉट सीट हैं। जिनमें यूपी की 12 लोकसभा सीटें हैं। जिसमें सपा का गढ़ कही जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट भी है। जहां पर समाजवादी पार्टी और बसपा ने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है लेकिन बीजेपी ने अब तक यहां से पत्ते नहीं खोले हैं। इस सीट पर सपा की तरफ से डिंपल यादव सपा के सिंबल पर मैदान में हैं तो बसपा ने गुलशन कुमार शाक्य को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये पता चला है कि बीजेपी डिंपल यादव के खिलाफ मैनपुरी से स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा को चुनावी मैदान में उतार सकती है। इसके लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश कमेटी से रिपोर्ट भी मांगी है।

बदायूं से नहीं मिला टिकट
वहीं संघमित्रा मौर्य की बात करें तो वो बदायूं से सांसद हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने बदायूं सीट से उनका टिकट काट  दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया दिया। जिसके बाद संघमित्रा काफी नाराज भी थी पर अब सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक उन्हें बीजेपी डिंपल यादव के सामने उतारने वाली है। हालांकि वहीं उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म और ब्राह्मणों को लेकर कई टिप्पणियां की हैं। इन सबके बीच अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस बार संघमित्रा का बदायूं से टिकट कट सकता है। आखिर में हुआ भी यही। बीजेपी ने बदायूं से संघमित्रा का टिकट काटकर दुर्विजय शाक्य को मैदान में उतार दिया है। पर अब एक कमजोर सीट से संघमित्रा को उतार कर अपनी राजनीतिक संबंध को बनाए रखने की कोशिश करना चाह रही है।

मैनपुरी में पिछले 10 चुनावों से सपा की जीत
मैनपुरी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ इसलिए माना जाता है क्योंकि बीते 10 चुनाव में यहां से सपा प्रत्याशी ही जीतता आ रहा है।  नेता जी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद 2022 में इस सीट पर उपचुनाव हुए। तब भी यह सीट सपा की झोली में ही आई थी। साल 2022 में  डिंपल यादव ने बीजेपी उम्मीदवार रघुराज शाक्य को करीब 2.88 लाख वोटों से हराया था। वहीं अगर आप मैनपुरी के वोट बैंक को देखेंगे तो यहां पर यादव वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा है, जिनको सपा का कोर वोटर और जीत का फॉर्मूला माना जाता है। वहीं, दूसरे नंबर वोटबैंक की बात करेंगे तो इसमें शाक्य मतदाता आते है। जिसको देखते हुए बसपा ने शाक्य वर्ग से आने वाले गुलशन कुमार शाक्य पर दांव खेला है। ऐसे में देखना यही होगा कि अगर बीजेपी स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा को उतारती है तो उनका कैसा असर रहेगा।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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