बीजेपी के गढ़ में रोहिणी आचार्य की हुंकार, लालू यादव ने चली बड़ी चाल!

By UltaChashmaUC | April 3, 2024

बिहार में लालू यादव ने बीजेपी के गढ़ को ध्वस्त करने के लिए एसी जाल बिछाई है जिसमें बीजेपी की फंसना तय माना जा रहा है। दरअसल, लालू यादव ने अपनी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो बीजेपी का गढ़ माना जाता है और जब रोहिणी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया तो वो अपने भगवान यानी अपने पिता लालू यादव और माता राबड़ी देवी का आशीर्वाद लेकर चुनावी मैदान में प्रचार करने के लिए निकल गईं। जब वो चुनाव प्रचार करने के लिए निकलीं तो उनके समर्थन में हजारों की संख्या में लोग खड़े थे। जिसके बाद से ही ये कहा जा रहा है कि इस सीट पर रोहणी का जीतना तय है। , बीजेपी को इस सीट से बिहार में मुश्किलों का सामना इसलिए भी करना पड़ रहा है क्योंकि बीजेपी के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू की बेटी को लेकर ये कहा था कि लालू ने रोहिणी से किडनी के बदले टिकट का सौदा किया है। जिसके बाद से ही बिहार वासियों में बीजेपी को लेकर आक्रोश बढ़ गया। और वो सभी लोग सत्ता परिवर्तन का मूड बना लिया है। इसके अलावा अब आप बिहार के सारण सीट का गणित समझ लीजिए कि आखिर ये बीजेपी का गढ़ क्यों है और इस पर लालू यादव ने कैसी चाल चली है।

सारण सीट से लालू यादव ने जीत हासिल की तो राबड़ी ने हार
सारण सीट से  2019 के लोकसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने RJD प्रत्याशी चंद्रिका राय को हराकर जीत हासिल की थी। जिससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में इसी BJP प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने RJD पार्टी के उम्मीदवार लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को हराकर जीत हासिल की थी। और 2014 के इस लोकसभा चुनाव में जो जीत का अंतर था वो 40 हजार 948 वोटों का था। पर इससे पहले जब आप जाएंगे, साल 2009 में इसी सीट से  RJD उम्मीदवार लालू यादव ने BJP पार्टी के उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी हराकर जीत हासिल की थी। ये आंकड़े हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि ये साल 2024 है और इस बार लालू यादव ने अपनी बेटी को उस सीट से उम्मीदवार बनाया है जिस सीट से वो दो बार जीत हासिल कर चुके हैं।

इन कारणों से हार रही बीजेपी
इसके पीछे की रणनीति ये है कि जब बीजेपी नेता रोहिणी आचार्य को लेकर एक भद्दा कमेंट करते हैं तो इससे ना केवल सारण की जनता बल्कि पूरे बिहार की जनता प्रभावित होती है। ये तो मात्र एक कारण है। इसका दूसरा कारण ये है कि जब बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ और नीतीश बीजेपी के साथ जाकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने तो बिहार की जनता खासा नाराज हो गई, जिसके बाद लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने जन विश्वास यात्रा निकाली और इस  यात्रा में उन्हें लोगों का खासा समर्थन मिलता था। वो जहां भी रैली लेकर जाते वहां एक सैलाब उमड़ा हुआ नजर आता था। और इन्ही सबको देखते हुए लालू यादव ने रोहिणी को सारण सीट से उम्मीदवार बनाया है.. क्योंकि वो उस सीट से बीजेपी को हराकर ये साफ संदेश देना चाहते हैं कि इस बार मोदी का सत्ता से जाना तय है।  पर वैसे आपको क्या लगता है क्या इस बार बिहार के साथ-साथ पूरे देश में सत्ता परिवर्तन होगा। आप अपना जवाब हमें कमेंट करके बताइएगा।

 

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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