Apple ने भेजा हैकिंग का अलर्ट! विपक्षी नेताओं की जासूसी करवा रही है सरकार ?

By UltaChashmaUC | October 31, 2023

 

अब तक विपक्षियों, पत्रकारों, activists के फोन टैपिंग के मामले सामने आते रहते थे , लेकिन अब खबर आ रही है कि सीधे इनकी एप्पल id ही हैक की जा रही है ।  वो क्या बात करते हैं, किससे बात करते हैं, उनके डाक्यूमेंट्स, डाटा हर चीज़ पर किसी की नज़र है ।यानि अब राइट तो प्राइवेसी जैसा कुछ भी नहीं बचा है ! अमेरिकी अख़ाबर न्यूयॉर्क टाइम्स ( Newyork Times ) की एक रिपोर्ट के बाद भारत की राजनीति में पेगासस जासूसी मामला एक बार फिर छा गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ( Newyork Times ) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत ने इसराइली स्पाईवेयर पेगासस को ख़रीदा था।

 

क्या है स्पाइवेयर ? 

स्पाइवेयर एक ऐसा जासूसी वायरस होता है । जो लगभग हर उन डिवाइसेस में जा सकता है, जो इंटरनेट से जुडी होती हैं या उन डिवाइसेस में इंटरनेट का use किया जाता है. इसे स्पाइवेयर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ये बिना आपसे पूछे आपके मोबाइल, लैपटॉप जैसी डिवाइसेस से आपकी जानकारी चोरी करता है और उस जगह तक पहुंचता है, जहां से इसे कंट्रोल किया जा रहा है। यानि की सरकार पर बिना इजाज़त विपक्षी नेताओं के फ़ोन में घुस कर उनका डेटा चुराने का गंभीर आरोप लग रहा । आपको बता दें इंडिया अलायंस के कई विपक्षी नेताओं ने दावा किया है उन्हें Apple की ओर से राज्य-प्रायोजित साइबर अटैक की चेतावनी भी मिली है। दावा के मुताबिक इन नेताओं के iPhones किसी भी वक्त हैक हो सकते हैं। शशि थरूर, महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुर्वेदी । यहाँ तक अखिलेश यादव ने भी ऐसा ही आरोप लगाया है ।

INDIA अलायंस के नेताओं को Alert 

शिव सेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है, ''जिस तरह से मुझे कल रात चेतावनी मिली, उससे पता चलता है कि यह केंद्र सरकार का पूरा प्लान है और मुझे सावधानी बरतने की जरूरत है। चेतावनी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये हमले 'राज्य प्रायोजित' हैं'। केवल विपक्ष के नेताओं को ही ऐसे संदेश क्यों मिल रहे हैं? इससे पता चलता है कि बड़े पैमाने पर विपक्ष के निगरानी की चल रही है। इसकी जांच होनी चाहिए और केंद्र को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।'

प्रियंका चतुर्वेदी के अलावा टीएमसी की महुआ मोइत्रा और कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा ने भी इसी तरह का दावा किया है। वही आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि उन्हें एपल की ओर से "राज्य प्रायोजित अटैकर्स का उनके फोन पर अटैक करने की कोशिश करने के बारे में चेतावनी मिली है।

 

11 नेताओं और संपादकों को चेतावनी 

दवायर की एक रिपोर्ट के मुताबिक 11 नेताओं और संपादकों को ऐसी चेतावनी मिली है , जिसमे महुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस सांसद), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना यूबीटी सांसद)राघव चड्ढा (आप सांसद), शशि थरूर (कांग्रेस सांसद), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम सांसद), सीताराम येचुरी (सीपीआई (एम) महासचिव और पूर्व सांसद), पवन खेड़ा (कांग्रेस प्रवक्ता), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष), सिद्धार्थ वरदराजन (संस्थापक संपादक, द वायर), श्रीराम कर्री (निवासी संपादक, डेक्कन क्रॉनिकल)समीर सरन (अध्यक्ष, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन) का नाम शामिल है !

 

राहुल गाँधी ने उठाए सवाल 

इसे पहले राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर जनता की जासूसी करने का आरोप लगाया था । न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा, "मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था. फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है. ये देशद्रोह है. मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है."

 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने खोली पोल 

न्यूयॉर्क टाइम्स ( Newyork Times ) की इस रिपोर्ट के दावे के मुताबिक़, भारत ने पेगासस को एक रक्षा सौदे के तहत साल 2017 में इसराइल से ख़रीदा था । हथियारों के दो अरब डॉलर के पैकेज में लिया गया था । पिछले साल पेगासस जासूसी सॉफ़्टवेयर के ज़रिए कई देशों में नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के कॉल रिकॉर्ड करने की बात सामने आई थी, इसमें भारत का नाम भी शामिल था । अब एप्पल से अल्लार्ट मिलने के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है क्युकी अगर ये खबर सही है तो ये बहुत गंभीर मुद्दा है। अब लोग पूछ रहे हैं कि मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी में आजकल ये क्या चल रहा है? विपक्ष की और पत्रकारों की जासूसी कौन करवा रहा है ? इसका मकसद क्या है ? कही लोकतंत्र में आजादी और निजता को भी ये खत्म करने का इरादा तो नहीं है ? या फिर कही ऐसा तो नहीं है कि Modi सरकार घबराई हुई है कि सत्ता बचाने के लिए विपक्षियों की जासूसी करने पर उतर आई है ? आपको क्या लगता है हमे कमेंट में लिख कर बताए ।

 

PUBLISHED BY - FARHEEN ANSARI 

  • Share