स्मृति ईरानी के साथ अमेठी क्यों गए सीएम मोहन यादव? यादव वोट बैंक साधने की कवायद  

By UltaChashmaUC | April 29, 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूपी की हॉट सीट अमेठी से बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी ने आज नामांकन दाखिल कर दिया है। इस सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, मगर पिछले लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को शिकस्त दे दी थी। जिसके कारण ये सीट हॉट सीट बनी हुई है। आज के नामांकन के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, स्मृति ईरानी के साथ मौजूद थे। जिसके बाद से ये चर्चा होने लगी कि मोहन यादव का अमेठी में होने से बीजेपी को  क्या फायदा होगा और कांग्रेस को क्या नुकसान। मोहन यादव को लेकर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बीजेपी उन्हें लाकर अमेठी के यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है।

अमेठी का जातीय समीकरण
अमेठी के जातीय समीकरण को समझेंगे तो इस सीट पर 2019 के चुनाव के मुताबिक कुल वोटरों की संख्या 17 लाख 16 हजार 102 थी। अनुमानित जातीय आंकड़ों की माने तो इनमें से सबसे अधिक संख्या अनुसूचित जाति के वोटर्स की है। दलित वोटरों की संख्या लगभग 26 प्रतिशत है। 20 प्रतिशत के आसपास मुस्लिम वोटर्स हैं। 18 प्रतिशत वोटर्स ब्राह्मण हैं। 11 प्रतिशत क्षत्रिय हैं। यादव और मौर्य मिलाकर भी संख्या लगभग 16 फीसद होती है। 10 प्रतिशत के लगभग लोधी और कुर्मी वोटर हैं।

 1 लाख 85 हजार यादव वोट बैंक टारगेट
मोहन यादव को शामिल कर बीजेपी 1 लाख 85 हजार यादव वोटरों को साथ लाना चाह रही है। अमेठी लोकसभा सीट पर मुस्लिम, ब्राह्मण, क्षत्रिय के बाद सबसे अधिक एक लाख 85 हजार के करीब यादव वोटर्स आते हैं। जिसे अपने पाले में करने के लिए बीजेपी ने सीएम मोहन यादव को स्मृति ईरानी के नामांकन में शामिल किया। वहीं आपको बता दें कि हाई प्रोफाइल अमेठी सीट के अंदर पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। जहां के जातिगत आंकड़ों पर गौर करेंगे तो अमेठी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 48 हजार के करीब यादव मतदाता आते हैं। इसके अलावा जगदीशपुर में 37 हजार के करीब तो गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र में इनकी संख्या 35 हजार से अधिक है। सलोन में साढ़े 36 हजार और तिलोई में 27 हजार के करीब यादव मतदाता हैं। जिन्हें साधने के लिए बीजेपी ने एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव को स्मृति के नामांकन में शामिल होने के लिए बुलाया है।

2019 के बाद अमेठी से कांग्रेस कमजोर होती गई, बीजेपी मजबूत
2019 के लोकसभा चुनाव में जब स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55120 वोटों से हराकर जीत हासिल की तो उसके बाद लगातार अमेठी में बीजेपी और मजबूत होती चली गई। इसका परिणाम पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं। लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा एक भी सीट पर नहीं थी वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने गौरीगंज छोड़कर बाकी सभी सीटों पर कब्जा जमा लिया। 2017 में कांग्रेस का खाता नहीं खुला। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने लोकसभा की 5 सीटों में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की। दी सीटें सपा के खाते में गई।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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