कुशीनगर में किसका चलेगा जादू, स्वामी-मायावती या बीजेपी, जानें  पूरा समीकरण

By UltaChashmaUC | May 9, 2024

कुशीनगर लोकसभा सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है। एक तरफ बीजेपी उम्मीदवार दूसरी तरफ सपा प्रत्याशी। मायावती ने भी अपना उम्मीदवार कुशीनगर से घोषित कर दिया है। लेकिन कुशीनगर की लड़ाई में स्वामी प्रसाद मौर्य की भी एंट्री हो गई है। तो ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि क्या स्वामी के मैदान में आने से किसी तरह का कोई फर्क पड़ेगा। या फिर अकेले स्वामी प्रसाद मौर्य सब पर भारी पड़ने वाले हैं। वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुशीनगर सीट से अपना नामांकन भर दिया है और वो भी अपनी पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से नामांकन कर दिया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य का सफर
स्वामी प्रसाद मौर्य का कुशीनगर की सियासत से गहरा नाता रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर भी 2009 में चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, तब जीत नहीं मिल सकी थी। लेकिन उस चुनाव ने कुशीनगर में स्वामी प्रसाद मौर्य की राजनीतिक जड़ें मजबूत जरूर कर दी थी। लगभग डेढ़ दशक तक कुशीनगर की राजनीति में सक्रिय रहे स्वामी प्रसाद मौर्य की कुशवाहा बिरादरी पर अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसी मजबूत पैठ की बदौलत वो पडरौना विधानसभा सीट पर लगातार तीन बार विधायक चुने गए। साल 2009 और 2012 में बसपा से ही विधायक चुने गए। लेकिन 2017 में उन्होंने बसपा छोड़ भाजपा का दामन थामा और पडरौना से जीत की हैट्रिक लगाई। इसके बाद एक बार फिर पाला बदला और साइकिल की सवारी कर ली।

कुशीनगर में इन प्रत्याशियों पर दांव
स्वामी प्रसाद मौर्य के कुशीनगर के चुनावी सफर और उनके जीत हार के गुणा गणित पर नजर डालें तो उनका मैदान में आना निश्चित रूप से राजनीतिक समीकरण बदलेगा और चुनाव भी दिलचस्प मोड़ लेता हुआ दिखाई देगा। मायावती ने कुशीनगर से भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। मायावती ने यहां से शुभ नारायण चौहान को चुनावी मैदान में उतार दिया है। यानी अब सपा बीजेपी और बीएसपी तीनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के नाम हमारे सामने आ गए हैं। वहीं कुशीनगर से सपा ने अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार के ऊपर भरोसा जताया है। वहीं, बीजेपी की अगर बात करें तो यहां से विजय दुबे एक बार फिर से बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। विजय दुबे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी नेताओं में से एक हैं। विजय दुबे ने कुशीनगर से 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। विजय कुमार दुबे को भाजपा ने कुशीनगर लोकसभा सीट से 2009 के चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में विजय कुमार दुबे हार गए थे। इसी के बाद 2010 में वो भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और 2012 में खड्डा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। लेकिन, विजय कुमार दुबे 2016 में वापस भाजपा में आ गए।

कुशीनगर का जातीय समीकरण
जातिगत समीकरण की बात करें, तो कुशीनगर में सवर्ण वोटरों की आबादी 14 फीसदी है. ओबीसी वोटरों की संख्या भी अच्छी-खासी है। ओबीसी वोटरों की तादाद 55 फीसदी से अधिक है। ओबीसी में सैंथवार-मल्ल  बिरादरी के वोट सबसे ज्यादा हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति के 17 फीसदी वोट हैं। मुस्लिम वोटर भी करीब 15 प्रतिशत के करीब हैं। इसके अलावा अन्य  वोटरों की तादात 07 प्रतिशत है।
PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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