बसपा में शामिल हो सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, मायावती के साथ कुशीनगर सीट को लेकर चल रही बात

By UltaChashmaUC | May 6, 2024

यूपी की राजनीति से बड़ी खबर आ रही है। खबर यह निकल कर सामने आ रही है कि स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर से हाथी की सवारी कर सकते हैं। साथ ही खबर ये भी है कि स्वामी प्रसाद मौर्य बीएसपी के सिंबल पर कुशीनगर से चुनावी ताल भी ठोक सकते हैं। हालांकि, अभी तक इस बारे में दोनों ही तरफ से कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है इस वक्त। इस पर गौर करने वाली बात ये है कि मायावती ने अभी तक कुशीनगर से किसी भी प्रत्याशी को नहीं उतारा है। ऐसे में लोग ये बात कर रहें हैं कि मायावती स्वामी प्रसाद के कारण लेट कर रहीं हैं और जल्द ही किसी बड़े फैसले का ऐलान कर सकती हैं।

कुशीनगर और देवरिया में नहीं उतारा प्रत्याशी
बीएसपी की ओर से 80 सीटों में से सिर्फ दो ऐसी सीटें हैं जिन पर अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। वो सीटें हैं कुशीनगर और देवरिया। जिन पर अभी माथापच्ची चल रही है। जिसको लेकर सूत्रों का कहना है कि इन सीटों पर फैसला लेने के लिए कई राउंड की बातें हो चुकी हैं और आखिर में गेंद मायावती के पाले में होगी। यानी आखिरी फैसला बीएसपी सुप्रीमो मायावती को ही लेना है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने वक्त के साथ साथ पार्टियां भी खूब बदली हैं। साथ ही इस चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने साल 2016 में मायावती पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी। लेकिन वक्त वापस वहीं घूम कर सामने खड़ा है। आज स्वामी प्रसाद मौर्य उसी बीएसपी के साथ जाने की इच्छा जता रहे हैं।

कब कब स्वामी प्रसाद ने बदली पार्टी
स्वामी ने 1980 के दशक में लोकदल से राजनीति की शुरुआत किया। इसके बाद स्वामी 1991-1995 तक जनता दल के प्रदेश महासचिव रहे। 1996 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीएसपी ज्वाइन कर ली। साल 1997 में वो बीएसपी- बीजेपी गठबंधन की सरकार में मंत्री बने। फिर आता है साल 2001 इस साल वो नेता प्रतिपक्ष चुने गए। इस दौरान साल 2016 तक स्वामी प्रसाद मौर्य अगल अलग पदों पर रहें। 2016 में स्वामी प्रसाद मौर्या ने बसपा के साथ अपना दो दशक पुराना रिश्ता खत्म कर दिया और अपनी अलग पार्टी बना ली। इसके बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। जहां वो योगी सरकार में मंत्री भी बने। इसके बाद साल 2022 के चुनाव के ठीक पहले वो अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार हो गए और अब 2024 के चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य सपा से भी अलग हो गए। मगर अब यूपी की सियासी गलियारों में चर्चाएं ये चल रहीं हैं कि एक बार फिर से स्वामी प्रसाद मौर्य हाथी की सवारी कर सकते हैं।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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