कंगना के खिलाफ बीजेपी के सांसद और विधायकों ने खोला मोर्चा, मंडी से कट सकता है टिकट?

By UltaChashmaUC | March 30, 2024

बॉलीवुड की महारानी कंगना रनौत को बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश की मंडी से लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार तो बना दिया, पर अब बीजेपी और खुद कंगना के लिए ये बहुत बड़ी मुसीबत बन गई है।  क्योंकि अब कांग्रेस के अलावा खुद बीजेपी के सांसद और विधायक विरोध में उतर गए हैं।  ऐसे में अब बीजेपी को ये नहीं समझ आ रहा कि करें तो करें क्या। क्योंकि एक दो नहीं बल्कि बीजेपी के 8 नेता कंगना के खिलाफ बगावत छेड़े हुए हैं। पर अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि बीजेपी के नेता उनका विरोध कर रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए राजनीति में कुर्सी पाने के लिए टिकट अच्छे-अच्छे को तोड़ देती है। वो कब दोस्त के दुश्मन बन जाएं और कब दुश्मन के दोस्त, इसका पता किसी को नहीं चलता।
कंगना के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने की मीटिंग
एक तरफ कांग्रेस विरोध कर ही रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी के एक पूर्व सांसद के बेटे समेत कुल आठ बागियों ने बैठक कर कंगना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनमें से तीन बीजेपी के वैसे बागी नेता हैं, जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था, जिसमें पार्टी की हार हुई थी। इन सभी नेताओं ने मंडी के पंडोह में एक साथ मीटिंग की और अगली रणनीति की चर्चा की। वहीं इस मीटिंग में पूर्व बीजेपी सांसद महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, पूर्व प्रदेश भाजपा महासचिव राम सिंह और आनी के पूर्व विधायक किशोरी लाल सागर शामिल थे। ये तमाम नेता  हिमाचल के दिग्गज बीजेपी के नेता माने जाते हैं।  जो अब कंगना के खिलाफ बिगुल फूंक दिए हैं।

कंगना के वोट परसेंटेज में भारी कमी आ सकती है
साथ ही आपको बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट से इनकार किए जाने के बाद, इन तीनों नेता ने बीजेपी के खिलाफ बगावत कर दी थी और निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव लड़ा था और तबसे लेकर अब तक ये बीजेपी के लिए डेंट साबित होते रहे हैं। ऐसे में इस बार के लोकसभा चुनाव में ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी के नए गणित और उसके उम्मीदवारों की संभावनाओं को बिगाड़ सकते हैं। । कंगना का चुनावी गणित ये तीनों कैसे बिगाड़ सकते हैं, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में राम सिंह को कुल्लू सदर विधान सभा सीट पर कुल पड़े 71 हजार ,165 वोटों में से 11 हजार,9 सौ सैंतीस वोट मिले थे। वहीं इससे पांच साल पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, तब सत्तावन हजार,165 में से 15 हजार,5 सौ सत्तानवे वोट हासिल किए थे।
इसी तरह हितेश्वर सिंह को भी बंजार निर्वाचन क्षेत्र में पड़े कुल 61 हजार,9 सौ आठ वोटों में से 14 हजार,9 सौ बत्तीस वोट मिले थे, जबकि किशोरी लाल को आनी निर्वाचन क्षेत्र में कुल पड़े सड़सठ हजार चार सौ अड़सठ वोटों में से 6 हजार आठ सौ तिरानवे वोट मिले थे। वहीं,  2017 के चुनाव में किशोरी लाल ने बीजेपी के टिकट पर 61 हजार,9 सौ नवासी वोटों में से 30 हजार,5 सौ उनसठ वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। । अगर इन आंकड़ों पर गौर करें तो तीनों बागियों ने 10 से 20 फीसदी वोट काटे थे। ऐसे में इस बार के लोकसभा चुनाव में कंगना को भले ही बीजेपी ने वोट दे दिया है पर उनका वोट परसेंटेज में भारी कमी या कहें कि हार मुंह भी ये नेता दिखवा सकते हैं।

टिकट कटने पर पहले से नाराज चल रहे बीजेपी नेता महेश्वर सिंह और मारकंडा
मंडी जिले के तीन नेताओं के साथ-साथ मंडी के पांच अन्य नेता भी उनके साथ एक मंच पर आ गए हैं और यह बीजेपी के लिए चिंता का विषय हो सकता है। इसके अलावा, टिकट कटने पर पहले से नाराज चल रहे बीजेपी नेता महेश्वर सिंह और मारकंडा भी कंगना रनौत  के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। क्योंकि मंडी से लोकसभा टिकट के लिए पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर सहित कई और नेता कतार में लगे थे लेकिन उनकी दावेदारी को दरकिनार कर पार्टी के आलाकमान ने पैराशूट के माध्यम से कंगना रनौत को चुनावी मैदान में उतार दिया। पर कहीं अब उनके इस पैराशूट में बीजेपी के नेता छेद ना कर दें और संसद भवन में लैंड होने के सपने देख रही कंगना के इरादों पर पानी ना फिर जाए। वैसे आप इस बार में क्या सोचते हैं हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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