बीजेपी ने चार राज्यों की 7 सीटों पर उतारे उम्मीदवार, बृजभूषण शरण सिंह को लेकर सस्पेंस बरकरार

By UltaChashmaUC | April 16, 2024

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों की 12वीं लिस्ट जारी कर दी  है। जिसमें देश के चार राज्यों की सात सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। बीजेपी ने महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है। इसमें कुछ नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है तो कुछ नामों को लेकर जिन पर बीजेपी ने अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है उसको लेकर सस्पेंस सातवें आसमान पर है। बीजेपी ने अपनी इस लिस्ट में सबसे ज्यादा पंजाब के लिए तीन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है।

मौजूदा सांसद का टिकट काट नए प्रत्याशी को दिया टिकट
बीजेपी को महाराष्ट्र की सतारा सीट पर उम्मीदवार को उतारना बाकी था, जहां से बीजेपी ने छत्रपति उदयनराजे भोसले को टिकट दिया है। आपको बता दें, उदयनराजे भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज की 13वीं पीढ़ी से आते हैं। जिसको देखते हुए इस सीट पर बीजेपी की जीत मानी जा रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर सीट से अभिजीत दास को टिकट दिया गया है। जो टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ पश्चिम बंगाल की हार्बर सीट से हुंकार भरेंगे। वहीं पंजाब के खडूर साहिब सीट से मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, होशियारपुर से अनिता सोम प्रकाश और बठिंडा सीट से परमपाल कौर को टिकट दिया है। इन नामों के अलावा यूपी के नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है। क्योंकि बीजेपी ने फिरोजाबाद से मौजूदा सांसद चंद्रसेन जादौन का टिकट काटकर ठाकुर विश्वदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी की जगह शशांक मणि त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है।

बृजभूषण शरण सिंह पर सस्पेंस बरकरार
बीजेपी ने अपनी नई लिस्ट में महाराष्ट्र के 1, यूपी के 2, पंजाब के 3 और बंगाल के 1 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इसमें से यूपी की एक सीट पर निगाहें सबकी टिकी हुई थी कि आखिर बीजेपी यूपी के कैसरगंज सीट से किसे प्रत्याशी बनाएगी। मगर इस सीट पर अभी सस्पेंस बरकरार है। कैसरगंज सीट पर बृजभूषण शरण सिंह को लेकर लंबे समय से बीजेपी विचार विमर्श कर रही है पर अब तक कोई भी फैसला नहीं लिया है। आपको बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज सीट से मौजूदा सांसद हैं। उनके खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। जिसके बाद से उनका राजनीतिक करियर अधर में अटक सा गया है। क्योंकि ये एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसके कारण बीजेपी बैकफुट पर रही।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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