आपका डोनेट किया हुआ ‘ब्लड’ कितने दिनों तक रहता है सुरक्षित ? जानें पूरी प्रक्रिया-
ब्लड बैंक के बारे में आप तो जानते ही होंगे. और रक्त दान भी किया ही होगा. लोगों का दान किया हुआ रक्त जिस सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है उसे ब्लड बैंक कहते हैं. किसी भी मरीज को जरुरत पड़ने पर उसके ब्लड ग्रुप से मिलता हुआ रक्त इसी ब्लड बैंक से दिया जाता है. पर क्या आप ये जानते भी हैं की आपका दान किया हुआ रक्त कितने दिनों तक सुरक्षित रहता है ? तो आइए जानते हैं.

1. रिसेप्शन रूम – आप इसे डोनर रूम भी कह सकते हैं. इस रूम में ब्लड डोनर को बिठाया जाता है. उसकी हेल्थ से जुड़ी जानकारी ली जाती है. समें डोनर का वजन और हेमोग्लोबिन नापा जाता है.

2. ब्लीडिंग रूम – ब्लीडिंग रूम में ज्यादा लोग नहीं जा सकते हैं. क्युकी इससे इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है. इस रूम के अंदर सिर्फ 2 बिस्तर लगे होते हैं. और ये कमरा हमेशा एयर कंडीशनर होता है.
3. डोनर रेस्ट रूम – ब्लड डोनेट करने के बाद डोनर को आमतौर पर दान स्थल में 10-15 मिनट तक रखा जाता है. साथ ही उसे खाने-पीने के लिए उपयुक्त चीज़ें दी जाती हैं. सूई लगाये जाने वाले स्थान को बैंडेज से ढंक दिया जाता है और दाता को कई घंटे तक बैंडेज बांधे रखने का निर्देश दिया जाता है.
4. लेबोरेटरी – इस रूम में दो भाग होते हैं, जिसमें अलग अलग जांच की जाती है. पहले भाग में ब्लड सीरम की जांच होती है और दूसरे भाग में रक्त में मलेरिया, हेपेटाईटीस बी और अन्य बीमारियों की जांच करी जाती है. पर आजकल एक तीसरा अलग भाग भी बनाया गया है जिसमें रक्त में से प्लेटलेट और लयूकोसाईट अलग अलग निकालकर रखे जाते हैं.
5. क्लीनिंग एंड स्टरलाइज़ेशन रूम – इस रूम में रक्त दान के दौरान जो भी उपकरण प्रयोग किये गए है उनको साफ किया जाता है. और यहाँ पर आई.वी सेट, नीडल और सिरिंज रखे जाते हैं.
6. स्टोर – यहाँ ब्लड बैग रखे जाते हैं. ब्लड को इकट्ठा करके इसे ठंढ़े स्थान पर रखा जाता है. जानकारों के अनुसार डोनर द्वारा लिया गया ब्लड 4 डिग्री तापमान के बीच ही रखा जाता है. तापतान के घट-बढ़ होने में इसके खराब होने की आशंका बनी रहती है.
7. ब्लड बैंक में 35 से 42 दिनों तक ही आपका ब्लड सुरक्षित रहता है. उसके बाद ये खराब हो जाता है. उचित समय के अंदर इसे नस्ट करना जरुरी है.

8. संग्राहक एजेंसी आमतौर पर रक्त ले कर उसका प्रकार ए, बी, एबी, या ओ और दाता के (Rh (D) के प्रकार की पहचान करती है. ताकि मरीज को उसके ब्लड ग्रुप से मिलता हुआ रक्त आसानी से दे सकें.

9. रक्त आमतौर पर लचीले प्लास्टिक की थैली में संग्रहित किए जाते हैं, जिसमें सोडियम साइट्रेट (sodium citrate), फॉस्फेट (phosphate), डेक्सट्रोज (dextrose) और कभी-कभी एडेनाइन (adenine) भी होता है. यह संयोजन भंडारण के दौरान रक्त को थक्के बनने से बचाता है और संरक्षित रखता है.