पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने बनाया प्लान, अधिकारियों को दिए सख़्त निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए बड़ा कदम उठाया है. सीएम योगी ने राज्य पर्यटन विभाग के कामकाज की समीक्षा की है. और साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग को कई निर्देश भी दिए हैं.

yogi government plan for tourism in uttar pradesh
yogi government plan for tourism in uttar pradesh

पर्यटन विभाग के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस बार अयोध्या में दिवाली के अवसर पर दीपोत्सव पर्व को अब सरयू नदी से आगे भी बढ़ाया जाएगा. इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने शहर में मौजूद सभी आश्रमों और मंदिरों को इस उत्सव में भाग लेने का निर्देश दिया है. बतादें इस उत्सव में एक साथ लाखों दीप जलाए जाते हैं, जिससे मनोहारी दृश्य बनता है.

पिछली बार की दीपावली में कोरिया की रानी गेस्ट के तौर पर आईं थी और उन्होंने बड़ी तारीफ भी की थी. सरयू नदी में अनेकों प्रकार की झांकियां दिखाई गईं थीं. दुनिया के कोने कोने से आये लोगों ने यहाँ का भव्य नज़ारा देखकर मंत्रमुग्ध हो गए थे. लेकिन इस बार योगी सरकार उससे भी बड़ा प्रोग्राम करने जा रही है. योगी ने अयोध्या में सरयू रिवर फ्रंट को पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बनाने के लिए विकसित करने का निर्देश दिया है.

वहीं 84 कोसी परिक्रमा वाले मार्ग के बारे में योगी ने बात करते हुए कहा कि हर पांच किलोमीटर पर जन स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी और पैदल या वाहन वाले यात्रियों के लिए मार्गों को अलग-अलग बनाया जायेगा. अब परिक्रमा की बात करें तो आप जान लीजिये कि अयोध्या में तीन प्रकार कि 84 कोसी, 14 कोसी और पंचकोसी की परिक्रमा है.

इनमें 14 कोसी जो परिक्रमा है वो शहर के बीच में स्थित है, वहीं और दो परिक्रमाएं अयोध्या जिला के चारों तरफ अवध क्षेत्र में हैं. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और ये परिक्रमा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

  • इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में लाइट और साउंड शो स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया है.
  • अधिकारियों को अयोध्या के इतिहास और परंपराओं वाली पटकथा तैयार करने को कहा है.
  • अधिकारियों को पर्यटकों के प्रमुख आकर्षण के तौर पर नई टाउनशिप विकसित करने की संभावनाएं तलाशने का भी निर्देश दिया है.
  • नैमिषारण्य, शुक्रताल और हस्तिनापुर जैसे सभी पर्यटन स्थलों को भी विकसित होना चाहिए
  • अधिकारियों को सरकारी-निजी कंपनी भागीदारी (पीपीपी) मोड और पर्यटन के विकास के लिए व्यावसायिक सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) से विकास की संभावनाएं तलाशने को कहा है.