करवा चौथ के बाद योगी के नए विधायक बनेंगे मंत्री, काम आएगा पत्नियों का व्रत
गुरुवार को लखनऊ दौरे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा कार्यक्रम में पहुंचे. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ साथ कई दिग्गज नेता और उनके कार्यकर्ता मौजूद थे. इस बैठक में बीजेपी और सरकार की समीक्षा के साथ राम मंदिर पर भी चर्चा हुई. आरएसएस (RSS) ने बीजेपी नेताओं के सामने राम मंदिर पर अपना साफ़ निर्णय रखा.

स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों को कैबिनेट का दर्जा
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के लखनऊ दौरे के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि जल्द ही योगी मंत्रिमंडल (cabinet) का विस्तार हो सकता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति बेहतर व मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं. ये भी उम्मीद जताई जा रही है कि अच्छा काम करने वाले स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों को कैबिनेट का दर्जा दिया जा सकता है. जबकि कई मंत्रियों से संगठन खुश नहीं है. ऐसे मंत्रियों पर या तो गाज गिर सकती है या फिर उनके विभागों में छंटनी की जा सकती है. करवा चौथ के बाद नेताओं के मंत्री बनने पर उनकी पत्नियों के लिए एक तरह से ये गिफ्ट होगा.
मंत्रिमंडल में 13 पद खाली
इस बैठक में अमित शाह (Amit Shah) ने योगी आदित्य नाथ (Yogi Adityanath), केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Maurya, डा.दिनेश शर्मा (Dr. Dinesh Sharma), भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय (Dr. Mahendra Nath Pandey) और महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल (Sunil Bansal) के साथ प्रदेश के सपा-बसपा कांग्रेस व अन्य छोटे दलों के प्रस्तावित महागठबंधन (Major alliance) के साथ प्रदेश के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा की थी. फिलहाल तो लखनऊ मंत्रिमंडल में 13 पद खाली हैं. इसलिए इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं कि करीब 10 नए चेहरे मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. लोगों के बीच लगातार रहने वाले और अच्छे काम करने वाले मंत्रियों को फायदा हो सकता है. मंत्रिमंडल में दलित ,गुर्जर और पश्चिमी क्षेत्र की नुमाइंदगी पर ज़ोर होगा.
मंत्रियों के लिए नामों की चर्चा
मंत्रियों के लिए जिन नामों की चर्चा है उनमें राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह (Pankaj Singh), अपना दल के अध्यक्ष आशीष पटेल (Aashish patel) के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दलित और गुर्जर नेताओं को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से नुमाइंदगी बेहद कम है. गुर्जर समाज से कोई मंत्री नहीं है. मेरठ (meerut) और आगरा (Agra) जैसे शहरों से कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने कैबिनेट को संतुलन स्थापित करना चाहेंगे.