नवरात्र से छठ पूजा तक लगातार बिजली आपूर्ति हो, प्याज की कालाबाजारी पर रखें नजर: CM योगी
देश भर में भारी बारिश के चलते उत्तर प्रदेश में भी प्याज की कीमतों को लेकर बहुत बवाल मच गया है. राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने तो जनता को ही सलाह दे डाली कि बारिश के चलते प्याज कम है. कुछ दिन प्याज कम खाएं.

अतुल गर्ग ने कहा कि बारिश से फसल बर्बाद हुई है जिससे प्याज की कीमतें बढ़ीं हैं. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जानकारी दी कि प्याज संकट को देखते हुए सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दिया है. इस प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शनिवार शाम सभी जिलों के जिला अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ तीन घंटे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग की. बैठक के दौरान सीएम योगी ने अफसरों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारी बारिश के चलते प्याज और सब्जियों की आपूर्ति कम हो रही है, ऐसे में कालाबाजारी पर ध्यान रखा जाए. खाद्य सामाग्रियों समेत सब्जियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करवाने के लिए मंडी समितियों का सहयोग लिया जाए.
त्यौहारों की तैयारियों को लेकर भी सीएम योगी ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं. नवरात्रि और दुर्गा पूजा जैसे त्यौहारों और आयोजनों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पूरी सावधानी बरतें और सतर्क रहें. नवरात्रि के दौरान पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचेंगे. सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम पहले से ही कर लिए जाएं. लोगों की सुविधा के लिए मंदिर परिसरों तथा मार्गों पर अच्छी प्रकाश व्यवस्था व साफ.-सफाई कराई जाए.
इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने खराब कानून व्यवस्था, मेडिकल कालेजों के लिए जमीन न मिलने, जनसुनवाई व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों का ठीक से निपटारा नहीं होने और गोवंश के लिए समुचित व्यवस्था न होने जैसे मामलों पर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने दो दिन में पूरा ब्यौरा मांगा है.
साथ ही उन्होंने ऊर्जा विभाग को भी नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली और छठ पूजा तक सभी त्योहारों के दौरान विद्युत की निर्बाध आपूर्ति देने को भी कहा है. मुख्यमंत्री ने त्योहारों के दौरान आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों तथा विसर्जन यात्राओं की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश सभी जिलों के जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं.
बाढ़ग्रस्त जिलों के जिलाधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक उपाय करें, राहत शिविरों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए. इन शिविरों में खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. साथ ही, शिविरों में मौजूद लोगों को आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएं. पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जाए.