फिर बोले ‘CM योगी’, दो साल में नहीं हुआ एक भी दंगा, अब आप ही देख लीजिये दंगों की लिस्ट-
आज उत्तर प्रदेश सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है. और एक बार फिर योगी ने अपने सरकार को लेकर कह दिया है की हमारी सरकार में एक भी दंगे नहीं हुए.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगी ने सरकार ने किसानों और नौजवानों के हित में जितने कदम उठाए हैं उतने आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं उठाए हैं. आज हमें खुशी हो रही है कि ये वही प्रदेश है जिसकी पहचान दंगों से होती थी, सपा शासनकाल में हर साल दंगे होते थे. लेकिन 24 महीने के कार्यकाल को पूरा करने के बाद हमने प्रदेश की पहचान को बदलने का काम किया है. पिछले दो साल में हमारे कार्यकाल के दौरान प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है.
अब यहाँ आपको बतादें की यूपी सरकार के 1 साल पूरा होने पर भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने यही कहा था कि मेरी सरकार में एक भी दंगे नहीं हुए. मगर यहाँ जान लें कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में देशभर में 822 साम्प्रदायिक घटनाएं हुईं थीं. जिनमें 111 लोग मारे गए थे और 2384 लोग घायल हुए थे. और जब दंगों की घटनाओं से संबंधित राज्यों की सूची बनी तो उत्तर प्रदेश इसमें सबसे ऊपर निकला.
2017 में यूपी में 195 दंगों की घटनाओं को रिपोर्ट किया गया जिनमें 44 लोगों की हत्या हुई और 542 घायल हुए. और ये आंकड़ा योगी आदित्यनाथ की पार्टी बीजेपी के नेता और देश के गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने ही 6 फरवरी 2018 को संसद में भी साझा किया था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीमारियों को रोकने में भी हमने सफलता प्राप्त की है. सरकारी अस्पतालों का भी उच्चीकरण किया गया. 110 औषधि केंद्र खोले गए हैं. उत्तर प्रदेश में सात करोड़ 57 लाख बच्चों का टीकाकारण हुआ. लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस से अब तक 78000 गंभीर रोगियों की जान बचाई जा सकी है. प्रदेश के 53 जिलों जहां हॉस्पिटल सुविधा नहीं थी वहा हेल्थ मोबाइल यूनिट खुद मरीज के द्वार पहुंच रही है.
योगी सरकार के 2018 के 4 बड़े दंगे-
- 1 जनवरी 2018 को ही पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह मना रहे दो गुटों में हिंसा भड़की थी जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी.
- 26 जनवरी 2018 को ही कासगंज में हिन्दू-मुसलमान के बीच दंगा हुआ. जिसमें एक युवक को मार दिया गया.
- 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना में हिंसा भड़की जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक सुमित नाम के युवक की मौत हो गई थी.
- 29 दिसंबर 2018 को गाजीपुर में पीएम मोदी की रैली के बाद भीड़ में हिंसा भड़की जिसमें एक पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत हो गई.