वायु प्रदूषण रोकने के लिए ‘CM योगी’ ने उठाया कदम, राजमार्गों पर लगाए जायेंगे ‘आयुर्वेदिक पौधे’
देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में वायु गुणवत्ता को सुधारने और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है.

योगी सरकार राज्य में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गो के दोनों तरफ औषधीय आयुर्वेदिक पौधों को लगाने पर विचार कर रही है. इस कदम से आने-जाने वाले राहगीरों को स्वच्छ हवा भी मिलेगी और वायु में बढ़ता हुआ प्रदूषण भी कम होता रहेगा. लोक निर्माण विभाग के हेड और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश ये योजना लागू करने वाला पहला प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है जो आयुष्मान भारत योजना का एक विस्तारित रूप है.
पहली बार में ये परियोजना 18 जिलों में लांच की जाएगी. योजना का लक्ष्य होगा कि घरों, कार्यालयों और पार्को में कैक्टी और बोनसाई जैसे विदेशी पौधों की वृद्धि को रोकना और औषधि विज्ञान के आयुर्वेद में बताए गए पौधों को बढ़ावा देना है. इस परियोजना में विदेश का एक भी पौधा प्रयोग नहीं किया जायेगा. बल्कि उनको रोकने का काम किया जायेगा.
इस परियोजना को शुरुआती तौर पर सहारनपुर के दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग संख्या 57 पर, वाराणसी के आशापुर-सारनाथ मार्ग पर, अयोध्या के पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर, गोरखपुर-देवरिया मार्ग पर, केशवधाम से होते हुए अलीगढ़-मथुरा राजमार्ग पर और चित्रकूट के बांदा-बहराइच राजमार्ग पर पहले ही लागू कर दिया गया है.
लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने औषधियों की जानकारी देते हुए बताया कि राजमार्ग के दोनों तरफ उगाने के लिए 34 औषधियों को चुना गया है. उनमें भोजन बनाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली और बैक्टीरिया रोधी गुणों के लिए मशहूर हल्दी शामिल है. साथ ही ब्राह्मी, अश्वगंधा, अनंतमूल, जनोफा, माशपर्णी, सप्तपर्णी, तुलसी और जल मीम जैसे तत्वों के पौधे लगाए जाने हैं.
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि ब्राह्मी से स्मरणशक्ति तेज होती है और अश्वगंधा का उपयोग स्वस्थ रहने, अवसाद और हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में किया जाता है. मतलब ये योजना मनुष्य को ताज़ी हवा के साथ साथ कई बीमारियों से भी बचाएगी.