आखिर क्यों और कब से मनाया जाने लगा ‘लखनऊ महोत्सव’, जानें- इस बार क्या है ख़ास ?
Ulta Chasma Uc : क्या आप जानते हैं उत्तर प्रदेश में नवाबों के शहर लखनऊ में ‘लखनऊ महोत्सव’ की शुरूआत कब हुई. आज हम आपको लखनऊ महोत्सव के बारे में बताएंगे. उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 1975 में लखनऊ महोत्सव की शुरूआत की गई थी. ताकि दूर दराज से लोग यहां पहुंचे. और लखनऊ को करीब से जान सकें.

तब से लेकर हर साल नई नई थीमों पर लखनऊ महोत्सव का आगाज़ किया जाने लगा. इस बार योगी सरकार ने लखनऊ महोत्सव का विषय ‘अटल संस्कृति, अटल विरासत’ रखा है.

25 नवंबर यानी आज सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ महोत्सव का उद्घाटन शाम साढ़े सात बजे करेंगे. इस बार लखनऊ महोत्सव का मेला बंगला बाजार रोड स्थित स्मृति उपवन स्थल में लगाया गया है सबसे बड़ी बात ये है की पहले दिन जो भी जायेगा उसको कोई प्रवेश शुल्क नहीं देना होगा, पहले दिन सभी का प्रवेश फ्री है.

डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि किसी भी तरह की परेशानी न हो इसलिए दर्शकों की एंट्री चार बजे से होगी. प्रवेश के लिए दो द्वार खोले जायेंगे. पहले दिन फ्री होने के बाद 26 नवंबर से प्रवेश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को दैनिक स्तर पर 20 रुपये का टिकट और सीजनल स्तर पर सौ रुपये का टिकट लेना जरूरी है. महोत्सव स्थल पर चार टिकट काउंटर बनाए गए हैं, जहां से लोग टिकट खरीद सकते हैं.

जिनको कुश्ती का शौक है वो इस बार लखनऊ महोत्सव में ज़रूर जाएं. क्योंकि इस बार कुश्ती प्रतियोगिता में बजरंग पूनिया, पूजा ढांडा और गीता फोगाट जैसे दिग्गज पहलवान शामिल होने वाले हैं. जिससे कुश्ती लड़ने वाले पहलवानों का मनोबल भी बढ़ेगा और उन्हें कुश्ती के तौर-तरीके भी सीखने को मिलेंगे. कुश्ती प्रतियोगिता 1 से 3 दिसंबर तक चालेगी.

लखनऊ महोत्सव में काफी चका-चौंध दिखती है. यहां हर एक तरह की चीजों का स्टॉल लगता है. यूपी की सभी फेमस चीजें यहां देखने को मिलती हैं. महोत्सव में आप कई तरह के फूड्स (खाने) का लुफ्त उठा सकते हैं.
Web Title : Why to be celebrated Lucknow mahotsav
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