कौन है अतीक अहमद जिसका कनेक्शन काई राजनीतिक पार्टियों से है ?
तांगे वाले का लड़का…घोड़े को घास खिलाते खिलाते कैसे लोगों की जान का प्यासा हो गया..अतीक के पास बेशुमार पावर कहां से आई..किसने अतीक को रक्तबीज बनाया..हिंदूवादी सरकार होते हुए भी..जेल में बंद एक मुसलमान माफिया अतीक की पीठ पर किसका हाथ है…इन सभी सवालों के जवाब आज हम आप को देने वाले हैं इसलिए इस विडियो को पूरा देखिये !
दोस्तों अतीक अहमद ( Ateeq Ahmad ) ने प्रयागराज को तालिबान में बदल दिया..वो भी तब जब यूपी में डबल इंजन सरकार है….वो भी तब जब यूपी की सरकार माफियाओं के खिलाफ एक्शन को ही अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताती है..ये सब अतीक ने कैसे किया..किसकी मदद से किया..ये सब जानने के लिए आपको कई साल पीछे जाना पड़ेगा ।
साल था 1886…पावर में थी कांग्रेस सरकार ..जब 17 साल का अतीक पहली हत्या को अंजाम देता है पुलिस पकड़ कर ले गई …लेकिन दिल्ली तक अपने तगड़े कनेक्शन के चलते अतीक जेल से बहार आ गया..फिर आया साल 1889 जब इलाहबाद के सबसे बड़े डॉन चांद बाबा की हत्या करके अतीक ने उसकी गद्दी हथिया ली ।
साल 1995 के सपा की सरकार में हुए गेस्ट हाउस काण्ड में भी अतीक का नाम शामिल हुआ…और 1996 में अतीक सपा से विधायक चुना गया और यही से शुरू हुई अतीक की राजनीतिक पारी ! विधायक बनने के बाद भी अतीक के आतंक का सिलसिला जारी रहा ….साल 2002 में नस्सन की हत्या ….. 2004 में मुरली मनोहर जोशी के करीबी BJP नेता अशरफ की हत्या …इसी साल 2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक सपा के टिकट पर UP की फूलपुर सीट से चुनाव जीता और उस वक्त अतीक इलाहाबाद पश्चिम सीट से विधायक था …. सांसद बना तो विधायकी छोड़नी पड़ी…उपचुनाव हुआ….अतीक के छोटे भाई अशरफ ने सपा से अपनी दावेदारी पेश की .लेकिन चुनाव में अशरफ को बसपा के राजू पाल ( Raju Pal ) ने 50 हज़ार वोटों से हरा दिया….मगर ये हार अतीक को मंज़ूर नहीं थी …खामियाजा राजू पाल ( Raju Pal ) को मौत के घाट उतार दिया गया ! लेकिन अतीक की नज़र से एक चश्मदीद गवाह राजू पाल बच निकला …..और उसने अतीक और उसके भाइयों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया ।
साल 2007 में UP की सत्ता बदली..और मायावती ( Mayawati ) उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री चुनी गई और बसपा ने ऑपरेशन अतीक शुरू किया ….और अतीक अहमद को जेल हुई ..लेकिन अतीक अपनी पोलिटिकल पहुच के चलते वो जादा दिन जेल में नहीं रहा …..साल 2012 सत्ता फिर बदली सपा सरकार आई उप के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुने गए …और अखिलेश ने पार्टी की छवि सुधरने के लिए पार्टी से सारे माफियाओं को …दबंदों को ….गुंडों को एक एक करके पार्टी से बेदखल करना शुरू कर दिया था !
साल 2017 में बीजेपी की सरकार आई और योगी अधित्यानाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने ….मुख्यमंत्री बनते ही योगी की जीरो टोलरेंस नीति के तहत अतीक पर धाराएं बढ़ने लगी और अतीक एक बार फिर जेल के अन्दर था लेकिन इस बार उसकी कोई भी पोलिटिकल पॉवर काम नहीं आई ! अतीक ( Ateeq Ahmad ) ने कई हथकंडे अपनाए लेकिन हाईकोर्ट ने सारे मामलों में उसकी जमानत रद्द कर दी और अतीक जेल में ही है…साल 2019 में ही अतीक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार गया …फिर 2019 में जेल में मारपीट के चलते उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा माफिया गुजरात की साबरमती जेल पहुच गया.., अतीक जेल तो पहुच गया लेकिन उसका साम्राज्य जेल से चलता रहा … अतीक बड़े बड़े अपराधों को जेल से ही अंजाम देता रहा ।
साल 2023 , 24 फरवरी प्रयागराज में अतीक ने जेल से ही राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को सरे राह मरवा दिया ,.. गोलियों की ताड़तादाहत…बमों की धमक से पूरा यूपी दहल गया …. लेकिन डबल इंजन की सरकार होते हुए भी अतीक जेल के भीतर से ही सरकार को चुनोती देता रहा …।
अब अतीक के गुनाहों की लिस्ट पर नज़र डालते हैं
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश की सरकार ने अतीक अहमद के खिलाफ जारी सभी केसों की जानकारी दी थी। सरकार के मुताबिक, अतीक अहमद ( Ateeq Ahmad ) के खिलाफ 1979 से 2019 तक कुल 109 केस हैं। इनमें 17 केस धारा 302,12 केस गैंगस्टर एक्ट, 8 केस आर्म्स एक्ट और 4 केस गुंडा एक्ट के मामले में दर्ज हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, अतीक अहमद के खिलाफ 8 केस 2015 से 2019 में दर्ज किए गए, जिनमें अभी जांच चल रही है। इन केसों में दो केस 302 के भी शामिल हैं।
सत्ताओं से पोषित हुआ ये बाहुबली बरगत अतीक अहमद जिसकी जड़ें सभी पार्टियों तक फैली हुई है । उसे गिराने के लिए सत्ता बुलडोज़र लेकर कड़ी है और विपक्ष उत्तर प्रदेश की काननों व्यवस्था के सवाल लेकर…इस विडियो में इतना ही ।