लालू यादव के बेटे Tej Pratap Yadav को आधी रात को किस होटल ने निकाला ?
बिहार के मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ( Tej Pratap Yadav ) यूपी के बनारस आए तो उनका स्वागत ऐसे किया गया…..होटल वालों ने आधी रात में सामान सहित उनको बाहर निकाल दिया !
होटल से क्यों निकाले गए तेजप्रताप ?
दोस्तों तेज प्राप ( Tej Pratap Yadav ) बनास अपने किसी निजी काम से बनारस आए थे, यहाँ रुकने के लिए उन्होंने होटल में एक कमरा लिया,…लेकिन होटल वालों का अपने मेहमान का सम्मान करने का अजब तरीका देखिए..रात 1 बजे जब तेज प्राप घुमने के लिए अस्सी घाट पर गाए हुए थे उस वक़्त बिना उनको जानकारी दिए उनका सारा सामान रूम से निकल कर होटल के रिसेप्शन पर रख दिया …. जब तेजप्रताप ( Tej Pratap Yadav ) होटल लौटे तो सारे सामान के साथ उन्हें जाने के लिए कह दिया ! अपनी गाड़ी में बैठ कर आधी रात में दुसरे रूम के लिए बिहार के मंत्री को बनास की सड़कों पर भटकना पडा … दोस्तों एक राज्य के मंत्री का दुसरे राज्य में ऐसा अपमान ठीक नहीं है, इसलिए तेजप्रताप के निजी सहायक मिशाल सिन्हा ने इस मामले में लिखित शिकायत दे दी !
शिकायत में क्या है ?
शिकायत में लिखा है ” मंत्री तेजप्रताप ( Tej Pratap Yadav ) 206 नंबर कमरे में ठहरे थे। बगल के 205 कमरे में उनके निजी सहायक और सुरक्षाकर्मी थे। वो सुबह 11 बजे मंदिर दर्शन और अस्सी घाट पर गंगा आरती के लिए निकले थे। वापस रात 12 बजे लौटे तो उनका सामान रिसेप्शन पर रख दिया गया था। बिना अनुमति के मंत्री जी का कमरा 206 खोला गया। जो उनकी सुरक्षा के लिए भी घातक है। इस दौरान उनका एक स्टाफ दिलावर भी मौजूद था। उसे रूम नंबर 205 से निकालकर रिसेप्शन पर बिठा दिया गया। ये काम नियम के खिलाफ है। तुरंत कार्रवाई कीजिए।”
होटल प्रबंधन ने दी सफाई
वही जब होटल प्रबंधन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कह कि “मंत्री जी के नाम से 205 और 206 नंबर कमरा बुक था। शुक्रवार दोपहर 12 बजे मंत्री जी को कमरा खाली करना था, लेकिन उन्होंने कमरा खाली नहीं किया। उस कमरे की बुकिंग चेन्नई के एक गेस्ट ने ऑनलाइन कराई थी। वो होटल पहुंच गया। होटल प्रबंधन का कहना है कि हम मंत्री जी के स्टाफ के सामने ही उनका सामान दूसरे कमरे में शिफ्ट करवा रहे थे। इस पर वो नाराज हो गए। दोनों कमरे छोड़कर गाड़ी में बैठ गए। मंत्री का कमरा आज सुबह तक उनके नाम से बुक था, लेकिन वो रात में ही चले गए। होटल प्रबंधन का कहना है कि मंत्री जी कंफ्यूज हो गए थे।”
हालाँकि होटल प्रबंधन पर सवाल ये उठ रहा है कि कैसे वो गेस्ट की गैरमौजूदगी में कमरा खोल कर उनका सामान निकाल सकते हैं ? ऐसा करने से पहले क्या जानकारी देना भी ज़रूरी नहीं समजा गया ? दोस्तों तेजप्रताप यदाव बिहार सरकार में वन पर्यावरण मंत्री हैं….जब एक इतने बड़े पिछड़े वर्ग के नेता के साथ ऐसा हो सकता है तो आम जनमानस के साथ क्या होगा ?