बड़ी ख़बर: बैंकों के डूबे ‘अरबों’ रुपये, दिवालिया घोषित होगी ‘वीडियोकॉन’, 90 हजार करोड़ है कर्ज-
देश में बैंको को पहले ही अरबों का नुकसान हो चुका है. वहीं अब एक और कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित करने की घोषणा कर दी है. और वो कम्पनी है वीडियोकॉन की. इससे पहले भी विजय माल्या, नीरव मोदी, मोहुल चौकसी जैसे बड़े बिजनेसमैन बैंकों को कंगाल कर चुके हैं.

वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा है कि उनकी कंपनी पर 90 हजार करोड़ रुपये का बकाया है. पिछले साल कर्ज लौटाने में डिफॉल्ट के बाद एसबीआई ने एनसीएलटी में याचिका दी थी. दिवालिया कानून के नियमों के मुताबिक कंपनी के बोर्ड को निलंबित कर दिया गया है. इस समूह की दो कंपनियां हैं जो कर्ज में डूबी हैं. पहली तो वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और दूसरी वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशन लिमिटेड (वीटीएल) है.
अब दोनों कंपनियों पर कर्ज कितना है ये भी जान लीजिये. वीआईएल पर 59,451.87 करोड़ रुपये का कर्ज है. और वीटीएल पर 26,673.81 करोड़ रुपये का कर्ज है. वीआईएल के 54 कर्जदाताओं में से 34 तो सिर्फ बैंक ही हैं. और सबसे बड़ी बात तो ये है कि इन बैंकों में से वीआईएल ने सबसे ज्यादा कर्ज एसबीआई से ले रखा है. एसबीआई का करीब 11,175.25 करोड़ रुपये बकाया है. वहीं वीटीएल ने भी एसबीआई से करीब 4,605.15 करोड़ रुपये ले रखा है. अब ऐसे में कम्पनी के दिवालिया होने पर भारतीय स्टेट बैंक को 15 हज़ार करोड़ से ज्यादा का चूना लग सकता है.
इतना ही नहीं इन कंपनियों को माल सप्लाई करने वाले करीब 731 सप्लायर्स (ऑपरेशनल क्रेडिटर्स) की राशि भी इन कंपनियों पर बकाया है. इसमें वीआईएल पर सप्लायर्स के करीब 3,111 करोड़ 79 लाख 71 हजार 29 रुपये और वीटीएल पर सप्लायर्स के करीब 1266 करोड़ 99 लाख 78 हजार 507 रुपये बाकी हैं. समूह की इस घोषणा के बाद से इन सप्लायर्स के साथ ही करीब 54 बैंकों की बैलेंस शीट पर असर पड़ सकता है.
आपको याद हो कुछ दिन पहले आईसीआईसीआई बैंक की तत्कालीन सीईओ चंदा कोचर का मामला सामने आया था. जिसमें ये खबर थी कि चंदा ने घूस लेकर वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत को बैंक से कर्ज दिया था. और इस घूस की रकम चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर के खाते में जमा कराई गई थी. अब वीडियोकॉन के दिवालिया होने के बाद आईसीआईसीआई बैंक के 3,318.08 करोड़ रुपये फंस गए हैं.
मामले पर नज़र डालें तो धूत के खिलाफ दो साल पहले तिरुपति सेरामिक्स के मालिक संजय भंडारी ने मामला दर्ज कराया था. साथ ही भंडारी ने धूत के खिलाफ 30 लाख शेयर बिना बताए बेचने का आरोप लगाया था. और ये सभी शेयर पहले भी किसी व्यक्ति को बेचे गए थे. इस ट्रांजेक्शन के बारे में धूत ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी जानकारी नहीं दी थी.