अखिलेश ने आखिर वक्त में पलटा फैसला आजमगढ़ में 2 यादव 1 मुस्लिम की लड़ाई..

आजमगढ़ और रामपुर में समाजवादी पार्टी (Akhilesh Yadav Decalred Candidate Name) की तरफ से टिकटों की फाइनल घोषणा हो गई है..बीजेपी के यादव निरहुआ के सामने समाजवादी पार्टी के यादव धर्मेंद्र यादव होंगे..और रामपुर में आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को उम्मीदवार बना दिया गया है…समाजवादी पार्टी में एक समय था जब घोषित हो चुका टिकट शायद ही बदलता था..
लेकिन अब नाम किसी और का चलता है..रणनीति कोई और बनती है और टिकट किसी और को मिलता है..अखिलेश यादव अब टोटल मुलयाम सिंह यादव फार्मूले पर काम कर रहे हैं..पहले डिंपल यादव का नाम राज्यसभा के लिए था..फिर आजमगढ़ के लिए था..लेकिन जैसे जैसे परिस्थितियां बदली अखिलेश यादव ने अपने निर्णय भी बदले..
देखिए आजमगढ़ में दो रिकॉर्ड हैं जिनको अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है..पहला रिकॉर्ड है यहां से अब तक या तो सपा जीती या फिर बसपा चुनाव जीती..दूसरा रिकॉर्ड ये है कि या तो यादव चुनाव (Akhilesh Yadav Decalred Candidate Name) जीता या तो मुस्लिम ने चुनाव जाता..इस बार बीजेपी ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा है..बसपा ने मुस्लिम गुड्डू जमाली को उतारा है..गुड्डू 2022 का विधानसभा चुनाव एआईएमआईएम के टिकट पर लड़े थे..हारने के बाद दोबारा बसपा में आ गए..ये 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के हाथों हार गए थे..
तो भाईयों मामला ये है कि आजमगढ़ में एक तरफ बसपा से मुस्लिम उम्मीदवार..दूसरी तरफ सपा और बीजेपी दोनों की तरफ से यादव टकराएंगे..अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav Decalred Candidate Name) पहले आजमगढ़ से दलित चेहरे को टिकट देना चाहते थे..पूर्व राज्यसभा सांसद बलिहारी बाबू के बेटे सुशील कुमार आनंद के नाम पर सहमति बन चुकी थी..
लेकिन कहते हैं वोटर लिस्ट में उनके नाम में गड़बड़ी के चलते उन्हें उम्मीदवार (Akhilesh Yadav Decalred Candidate Name) नहीं बनाया जा सका..उसके बाद धर्मेंद्र यादव के नाम की घोषण की गई है..हालांकि ऐतियातन रमाकांत यादव से भी पर्चा खरीदवाया जा चुका था..दो यादव एक मुस्लिम के बीच आजमगढ़ की जनता कहां जाएगी..किसको जिताएगी ये आगे पता चलेगा…