शिवलिंग या फव्वारा मिल गया सबूत, 4 नए वीडियो में बड़े खुलासे

ज्ञान वापी मस्जिद के भीतर वजूखाने के वीडियो लीक (Found Evidence of Shivling or Fountain) हो गए हैं..हैरान मत होईए लीक होने ही थे..किस दिन लीक होंगे इसका इंतजार था..लीक वीडियो में क्या क्या लीक हुआ है..पहले वो देख लेते हैं फिर बताएंगे की वीडियो करके भारतीय संविधान न्याय व्यवस्था और कानूनी मार्यादाओं की कैसे धज्जियां उड़ाई गईं..दोस्तों वजूखाने के भीतर के 4 वीडियो चोरी से लीक कर दिए गए..लीक हुए पहले वीडियो में नगर निगम वाराणसी के तीन लोग फव्वारे या शिवलिंग को धोकर साफ कर रहे हैं..इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है इस समय वजूखाने में पानी भरा हुआ है..और उसी पानी में उतरकर ये लोग फव्वारे या शिवलिंग की सफाई कर रहे हैं..
लीक किए गए दूसरे वीडियो में दिखाई देता है कि वजूखाने के बिल्कुल बीच में जहां पर शिवलिंग या फव्वारा (Found Evidence of Shivling or Fountain) है उस हिस्से का पानी निकाला जा चुका है..उसमें ऊपर की तरफ पांच कट दिखाई दे रहे हैं..लेकिन लॉग फ्रेम से देखने पर आकृति बिल्कुल शिवलिंग जैसी दिखाई देती है लेकिन उसके ऊपर लगे 5 कट फिर से फव्वारा कहने पर मजबूर कर देते हैं..
लीक किए गया तीसरा वीडियो बहुत ही ज्यादा क्लोज है..इस वीडियो में दिखाई देता है कि फव्वारे या शिवलिंग के पत्थर के ऊपर बहुत सारे ऊभरे हुए निशान दिखाई देते हैं..हिंदू पट्टी में इसे खुरदरा होना कहा जाता है..या पपड़ी जैसी आकृतियां दिखाई देती हैं..
लीक गए गए चौथे वीडियो (Found Evidence of Shivling or Fountain) में मस्जिद की दीवार पर त्रिशूल बने हुए चिह्न दिखाई देते हैं…जो कि हिंदू धार्मिक स्थलों और हिंदू निर्माण के प्रतीक हैं..अब इतना सब देखने के बाद आपका परसेप्शन क्या बना..इधर या उधर कुछ तो बना ही होगा..और यही परसेप्शन क्रियेट करने के लिए ये चारों वीडियो लीक किए गए जो कि भारतीय संविधान के मुताबिक भारतीय न्याय व्यवस्था के मुताबिक अपराध है…ये वीडियो किसने लीक किए..इसकी जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की जा रही है..
हिन्दू पक्षकार कहते हैं उनको सील लिफाफा मिला था..सील लिफाफे के भीतर सीडी थी..और चारों में से किसी भी पक्षकार ने लीफाफे की सील नहीं खोली है.. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिन लोगों ने अदालत से वीडियो लिया है उन लोगों ने ही लीक किया है..मुस्लिम पक्ष के वकील का आरोप है कि इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र है..वीडियो वायरल करने वाले लोग चाहते हैं कि जनमानस को उभार करके देश में अशांति फैलाई जा सके..वीडियो लीक (Found Evidence of Shivling or Fountain) करना और सार्वजनिक करना अदालत के आदेश की भी अवहेलना है.. दोस्तों सोमवार की शाम को अदालत की तरफ से सर्वे की रिपोर्ट और वीडियो के साथ फोटोग्राफ पक्षकारों को सौंप दी गई थी..
पक्षकारों को रिपोर्ट सौंपने से पहले शपथपत्र भी लिया गया था..शपथपत्र में इस बात का जिक्र था कि इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा..लेकिन फिर भी वीडियो लीक (Found Evidence of Shivling or Fountain) हो गए..मामला कोर्ट में है..भारतीय न्याय व्यवस्था में सबको यकीन है..जो होगा वो आज नहीं तो कल पता चलेगा..लेकिन भारतीय न्याय व्यवस्था का मजाक उड़ाने वालों को कोर्ट के आदेशों के साथ खेलने वालों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए..कानून से ऊपर तो कोई नहीं हो सकता..जो लोग न्यायालय के साथ मक्कारी करके वीडियो लीक कर सकते हैं वो कुछ भी कर सकते है..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.