योगी सरकार नहीं देगी अटल के अस्थि विसर्जन का खर्च, इधर-उधर घूमती रही फाइल, ये हुई व्यवस्था
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था. मगर क्या उनकी आत्मा को शांति मिली ? कैसे मिलेगी जब एक साल होने को है और उनकी अस्थि विसर्जन का खर्च सरकार नहीं दे पा रही है.

मालूम हो कि अटल बिहारी बाजपेयी का यूपी से गहरा नाता रहा है, ये बात किसी से छुपी नहीं. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद लखनऊ में हुए अस्थि विसर्जन का खर्च कोई विभाग उठाने को तैयार नहीं है. आपको बता दें कि अस्थि विसर्जन में 2.54 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. और उसकी फाइल पिछले 10 महीने से एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस घूम रही है. फिर भी कोई उसका बजट देने को तैयार नहीं है.
जब मीडिया में ये ख़बर सामने आई तो सरकार के अधिकारियों के होश उड़ गए और मामले को जल्द निपटाने की कोशिशें शुरू हो गईं. उसके बाद अब शासन स्तर पर ये निर्णय लिया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के गोमती नगर में अस्थि विसर्जन के कार्यक्रम पर हुए खर्च से सम्बंधित सभी भुगतान सूचना विभाग से किया जाएगा.
बतादें कि 23 अगस्त 2018 को राजधानी लखनऊ के हनुमान सेतु के पास गोमती नदी के किनारे अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम आयोजित हुआ था. उसमें तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी भी शामिल हुए थे. उस समय एलडीए (लखनऊ डेवलपमेंट अथाॅरिटी) की ओर से ये व्यवस्था की गई थी.
लेकिन किसके आदेश पर ये व्यवस्था की गई थी. ये कोई भी आधिकारिक तौर पर बताने को तैयार नहीं लेकिन शासन के निर्देश पर ये हुआ था. उस समय इसके लिए बजट नहीं दिया गया था. शासन ने बाद में बजट देने की बात कही थी. और तब से ये फाइल इधर-उधर घूम रही थी.