योगी राज की हाईटेक पुलिस साइकिल से चलने को मजबूर हो गई…दर्द भरी दास्तान तस्वीरों में देखिए..
एक तरफ योगी सरकार पुलिस को हाईटेक बनाने में लगी है. दूसरी तरफ यूपी पुलिस के सिपाहियों को नई साइकिल खरीदकर दी जा रही है. हाईटेक कारों के दौर में कौन सिपाहियों का पीछा साइकिल से करवा रहा है. तो इसका जवाब है उत्तर प्रदेश की सरकार. जी हां उत्तर प्रदेश की सरकार ही चाहती है कि यूपी पुलिस के सिपाही साइकिल से चेन स्नेचर्स का पीछा करें. लुटेरों को लूट करने से रोक दें. और उसी साइकिल से जेम्स बॉन्ड बनकर घटना से पहले ही घटना स्थल पर पहुंच जाएं.

यूपी पुलिस के सपाहियों को मिलता है साइकिल भत्ता
सरकार ऐसा क्यों चाहेगी तो इसका जवाब भी सिपाहियों के पास ही है. Ultachasmauc.com के पास यूपी पुलिस के कई ऐसे सिपाहियों के फोन आए जिन्होंने ये बताया कि यूपी पुलिस के सिपाहियों को इस हाईटेक दौर में भी करीब 100-150 रूपए के बीच साइकिल भत्ता दिया जाता है. (भत्ता सिपाही के बताए मुताबिक लिखा है) मतलब यूपी पुलिस को अपनी साइकिल मेंटेन रखने के लिए सरकार खर्च देती है. सिपाहियों का कहना है जब सरकार खर्च साइकिल दुरुस्त रखने के लिए देती है. तो फिर क्यों ना साइकिल से ही चला जाए.

साइकिल भत्ता खत्म करके समय के मुताबिक भत्ता मिले
सरकार के इस बाबा आदम के जमाने के साइकिल भत्ते जैसे मजाक को बदलने के लिए और सरकार को आईना दिखाने के लिए सिपाहियों ने सच में साईकिल खरीद ली. और सड़को ंपर बिना डरे. बिना हेलमेट लगाए निकल पड़े.

सिपाही कर रहे डीजीपी बदलने की मांग, नवनीत सिकेरा को बता रहे योग्य
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि यूपी पुलिस का कोई भी सिपाही फेसबुक या सोसल साइट पर विभाग से जुड़ी कोई भी जानकारी या विरोध की बात नहीं करेंगे. साइकिल वाले मामले में सिपाहियाों का कहना है कि सरकार साइकिल खरीदने का पैसा देती है तो फिर साइकिल से घूमना कोई अनुशासन हीनता नहीं है. कुल मिलाकर ये भी यूपी पुलिस के सिपाहियों का विरोध है.

यूपी पुलिस को अनुशासन में नहीं रख पाए ओपी सिंह
आज तक किसी भी सरकार में यूपी पुलिस इतनी अनुशासन हीन नहीं हुई है या तो डीजीपी ओपी सिंह से पुलिस महकमा नहीं संभल रहा या फिर सरकार अपना इकबाल बुलंद नहीं कर पा रही. लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड से उठीं चिंगारी शांत होने का नाम ही नहीं ले रही. कभी काली पट्टी कभी हेलमेट और अब साइकिल विरोध.

यूपी पुलिस के सिपाहियों का साइकिल वाला मैसेज वायरल हो रहा है आप भी पढ़िए….
सेवा में
समस्त कर्मचारी गण
उ. प्र. पुलिसकृपया आप लोगो से निवेदन है कि जिस भी कर्मचारी को यह लगता है कि विभाग में चल रहा विरोध प्रदर्शन अनुशासन हीनता है खास कर सीनियर बैच के कर्मचारियों से उनसे हांथ जोड़ कर निवेदन है कि आप से सिर्फ साइकिल से ड्यूटी करने को कहा जा रहा है जो कि अनुशासन हीनता की श्रेणी में नहीं आता है बाकी सारे काम आप चाहे जैसे करे। सिर्फ मोटरसाइकिल व फोन का इस्तेमाल सरकारी कार्यों में न करें जिसका पैसा सरकार हमें नहीं दे रही है।
और साइकिल से चलना कोई शर्म कि बात नहीं है। और कैसी शर्म जब सरकार को साइकिल भत्ता देने में कोई शर्म नहीं आ रही तो हमें साइकिल से चलने में कैसी शर्म।
आप सभी से निवेदन है कि आज से ही ड्यूटी में साइकिल का प्रयोग करना शुरू कर दे जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है और कोई अनुशासन हीनता भी नहीं है, चेहरा भी नहीं छिपाना पड़ेगा, नेम प्लेट भी नहीं हटाना पड़ेगा और साइकिल पर गर्व से लिखे (उत्तर प्रदेश पुलिस)
सर्वोत्तम पुलिस। अब समय आ गया है दुनिया की सबसे अच्छी पुलिस बनने का।नोट:- जो लोग कार खासी कर रहे है, अधिकारियों से नंबर ले रहे है, उनका अगाडा पिछड़ा धोने में लगे है चाटुकारिता हि उनका धर्म है वो लोग इस मैसेज को इग्नोर करे नहीं तो उनकी मर ली जाएगी।
प्रेषक
समस्त कर्मचारी गण
उत्तर प्रदेश पुलिस।यह मैसेज इतना शेयर करे की कम से कम सभी चाटुकारिता वाले कर्मचारियों तक पहुंच जाय।





