2019 चुनाव से पहले भाजपा को झटका, यह पार्टी तोड़ेगी अपना गठबंधन
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में जीत हासिल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करना शुरू कर दिया है। सोशल इंजीनियरिंग सहित तमाम फैक्टरों पर काम बड़ी तेजी से चल रहा है। पर जीत के नशे में चूर भाजपा अपने सहयोगी पार्टियों पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रही है। इसी कारण सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर जल्द ही भाजपा को तगड़ा झटका दे सकते हैं।
27 अक्टूबर को दे सकते हैं इस्तीफा

ओमप्रकाश राजभर कई बार अति पिछड़ों और गरीबों को आरक्षण का लाभ देने के लिए इसमें बंटवारे का आग्रह भाजपा नेतृत्व से कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। पिछड़ों का हित और उनकी समस्याओं के समाधान को ओमप्रकाश सत्ता से बड़ा मानते हैं। अब ऐसे में पिछड़ों के हितों के बल पर यहां तक पहुंचे ओमप्रकाश राजभर और कब तक प्रतीक्षा करें। आपको बतादें, 27 अक्टूबर को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के स्थापना दिवस पर राजधानी में होने वाली रैली में ओमप्रकाश योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने व भाजपा का साथ छोड़ने का एलान कर सकते हैं।
निशाने पर रहेंगे शाह और मोदी

सूत्र की मानें तो अब समझौते की कोई भी गुंजाइश नहीं बची है। पिछड़ों व अति पिछड़ों के हितों से जुड़े कई मुद्दों पर भाजपा का रवैया लगातार उपेक्षापूर्ण ही रहा है। वहीं राजभर के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि भाजपा से गठबंधन कर उनको कोई भी लाभ नहीं मिला। इसलिए अब राजभर किसी से गठबंधन नहीं करेंगे और पिछड़ों व अति पिछड़ों की भलाई के लिए संघर्ष करेंगे। इसके साथ ही अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए प्रयास भी करेंगे। सूत्रों की माने तो 27 अक्टूबर को इस बार उनके निशाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी होंगे।
पहले ही दे चुके थे डेडलाइन
इससे पहले भी राजभर ने कहा था कि अगर राज्य सरकार अति पिछड़ी जातियों (एमबीसी) के लिए अलग आरक्षण के लिए रास्ता निकालने में सक्षम नहीं होती है तो वह भाजपा से गठबंधन तोड़ सकते हैं। राजभर यही नहीं रुके थे उन्होंने इसके लिए भाजपा सरकार को अक्टूबर तक की डेडलाइन भी दी थी। ओम प्रकाश राजभर एक भारतीय राजनीतिज्ञ और विधायक हैं। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हैं। राजभर ने 1981 में कांशीराम के समय में राजनीति शुरू की।