UP Board में टॉपरों को मिला सम्मान, फेल छात्रों के पास है एक और मौका, पढ़ें नियम
इस बार भी यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट रिजल्ट में 35 मेधावी विद्यार्थियों में सर्वाधिक 23 बेटियां हैं. जिसमें हाईस्कूल के 21 मेधावियों में 13 और इंटर के 14 मेधावियों में सर्वाधिक 10 बेटियां हैं.

यूपी के हर स्कूल-कॉलेजों में पास हुए छात्र-छात्राओं को सम्मान पुरष्कार दिया जा रहा है. इंटर में कानपुर की तनु तोमर ने टॉप किया है जबकि गोंडा की भाग्यश्री उपाध्याय को दूसरा और प्रयागराज की आकांक्षा शुक्ला को तीसरा स्थान मिला है. वहीं हाईस्कूल में पहला और दूसरा स्थान लड़कों को मिला है जबकि तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान बेटियों को मिला है.
लखनऊ के हिन्द नगर के सेंट मिराज़ इंटर कॉलेज में भी हाई स्कूल की आयुषी गुप्ता 88.17%, सुजल सोनकर 87.33%, लवी यादव 86.33%, रितू मिश्रा 85.66%, पूजा गुप्ता 85% ने टॉप किया है, और इंटर की आरती गुप्ता 85.2%, आलोक द्विवेदी 83.2%, अजय सिंह 80.8%, निशा 80.8%, कुलदीप यादव 80.8%, अभिनय यादव 80.6% नंबरों से टॉप किया है.
लेकिन अपने एक बात पर गौर नहीं किया होगा की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के मेधावी छात्रों की सूची हर साल कम होती जा रही है. इस बार पिछले साल से भी छोटी हो गई. साल 2017 में हाईस्कूल-इंटर के मेधावी विद्यार्थियों की सूची में 117 नाम थे. और पिछले साल 2018 में इस सूची में 97 मेधावियों को स्थान मिला था. लेकिन इस साल तो सिर्फ 35 मेधावियों के नाम ही टॉप-10 में हैं
वहीं नतीजे जारी होते ही कई छात्रों के हाथ सफलता लगी, तो कुछ इस बार कामयाब नहीं हो पाए. ये बात वाकई परेशान करने वाली है कि हर साल यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है. इस साल के रिज़ल्ट में 30 प्रतिशत छात्र फेल हुए हैं. लेकिन फेल होने वाले छात्रों के पास अभी एक मौका और है.
एक या दो सब्जेक्ट्स में फेल होने वाले छात्रों को निराश होने की जरुरत नहीं है. क्योंकि उनके पास अभी कम्पार्टमेंट एग्जाम का मौका है. लेकिन जो छात्र दो से ज्यादा सब्जेक्ट्स में फेल हुए हैं, उन्हें एग्जाम फिर से देना होगा. लेकिन दो से ज्यादा सब्जेक्ट्स में फेल स्टूडेंट्स भी स्क्रूटनी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. हालांकि इसमें कॉपी की रि-चैकिंग नहीं होती. सिर्फ पाए मार्क्स फिर से जोड़े जाते हैं.
कम्पार्टमेंट के तहत छात्र या छात्रा को हिंदी विषय में पास होना जरुरी है. सप्लिमेंट्री एग्जाम के नियम ठीक उसी तरह से है जैसा की बोर्ड एग्जाम में होता है. बोर्ड सप्लिमेंट्री परीक्षा की तिथि घोषित करता है, उसके बाद ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है. इसके लिए छात्र को 350 रुपए फीस जमा करनी होगी.