आज़म के गढ़ पर योगी सरकार की नज़र, जीत के लिए लगाई पूरी ताकत, विपक्ष पड़ा कमज़ोर
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह तैयार हैं और इस बार उनका मेन टारगेट सपा सांसद आजम खां का गढ़ रामपुर माना जा रहा है.

2017 के विधानसभा और हालही में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद आजम खां के गढ़ में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. इसलिए अब दोनों बार की हार को जीत में बदलने के लिए योगी सरकार पूरी ताकत से जुट गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल रामपुर में बूथों पर किलेबंदी करने में लगे हुए हैं. आज स्वतंत्र देव सिंह रामपुर जा रहे हैं. वे यहाँ पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार-प्रसार करने के साथ ही पदाधिकारियों की बैठकों में भी शामिल होंगे.
सीएम योगी भी 3 दिन में 11 चुनावी जनसभा संबोधित करेंगे. 15 अक्टूबर को कानपुर के गोविंदनगर, चित्रकूट के मानिकपुर, लखनऊ कैंट और प्रतापगढ़ में. 16 अक्टूबर को बाराबंकी की जैदपुर, आंबेडकरनगर के जलालपुर, बहराइच की बलहा और मऊ के घोसी में और 18 अक्टूबर को सहारनपुर के गंगोह, रामपुर और अलीगढ़ के इगलास की सभा को संबोधित करेंगे.
योगी की जनसभा को भव्य रूप देने के लिए संगठन तैयारी कर रहा है. योगी इस सभा के जरिये उम्मीदवार का माहौल बनाएंगे. रामपुर में जमीनों पर कब्जे के मामले में आजम खान पर अनगिनत मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. बीजेपी नेताओं ने इसे अपना हथियार बना लिया है. और आजम खान के खिलाफ मुस्लिम समाज के बीच भी लोगों को मुखर किया जा रहा है.
दूसरी तरफ विपक्ष महज ट्विटर तक ही सिमटा नजर आ रहा है. सपा, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी खुद ही प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. पार्टी का कोई बड़ा नेता क्षेत्र में अभी तक नहीं दिखा है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सिर्फ ट्विटर पर ही सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेर रही हैं.