UP में नक्सली गतिविधियां पूरी तरह नियंत्रण में हैं, CRPF और पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही: CM योगी
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सोमवार को नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियानों और माओवाद प्रभावित इलाकों में की जा रहीं विकास के पहलों की प्रगति की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. जिसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं.

बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बिहार के CM नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन रेड्डी शामिल हुए. जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और तेलंगाना के सीएम केसीआर शामिल नहीं हुए.
मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में नक्सली गतिविधियां पूरी तरह नियंत्रण में हैं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी विकास का पहिया घूम रहा है. मध्यप्रदेश से सटे मीरजापुर, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे सोनभद्र और बिहार की सीमा से सटे चंदौली में पीएसी, सीआरपीएफ और जनपद पुलिस अपना काम मुस्तैदी से कर रही है. नक्सल और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पीएसी, सीआरपीएफ व जनपदीय पुलिस द्वारा कॉम्बिंग, सर्चिंग व पेट्रोलिंग आदि की कार्यवाई की जाती है.
इसी क्रम में आवश्यकता पड़ने पर एटीएस और आतंकवाद निरोधी दस्ते द्वारा भी कार्यवाई की जाती है. राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे स्रोत बिंदुओं पर कड़ी नज़र रखे हुए है, जहां से नक्सलियों के लिए धन की उगाही की संभावना बन सकती है. ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर कार्यवाई की जा रही है. समय-समय पर अंतर्राज्यीय समन्वय गोष्ठी का आयोजन कर सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है और सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त ऑपरेशन भी किए जाते हैं.
सीएम योगी ने कहा कि इन क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति तेज़ी से आगे बढ़ाई जा रही है. सोनभद्र के पीपर खाड़ में 480 छात्रों की क्षमता वाला एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन है. सोनभद्र में कौशल विकास के लिए भवन का निर्माण भी पूरा किया जा चुका है. सोनभद्र की घोरावल तहसील में आईटीआई के मुख्य भवन का कार्य पूरा किया जा चुका है और प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हालांकि, अभी छात्रावास के भवन का निर्माण प्रारम्भ होना है.
इस बैठक में 10 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया था. कांग्रेस शासित प्रदेशों के शामिल होने से यह साफ है कि नक्सल समस्या से निपटने के लिए कांग्रेस भी सरकार के साथ खड़ी है. बैठक में केंद्रीय बलों के प्रमुख और राज्य सरकारों के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं.
इस बैठक में नक्सलियों की अवैध संपत्ति, फंडिंग पर कैसे रोक लगे इसपर भी चर्चा की गई. इसके लिए हर एक नक्सल प्रभावित ज़िले की समीक्षा की जाएगी, नक्सलियों की मौजूदगी और हिंसा के ग्राफ पर भी बात की गई. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2009-13 के दौरान नक्सल हिंसा कुल 8,782 मामले सामने आए जबकि 2014-18 के दौरान 43.4 फीसदी की कमी के साथ 4,969 मामले सामने आए हैं. मंत्रालय के अनुसार 2009-13 के दौरान सुरक्षा बल के कर्मियों सहित 3,326 लोगों की जान गई, जबकि 2014-18 में 60.4 प्रतिशत कम 1,321 मौतें हुईं.