आसान भाषा में समझिए क्या होता है FPO? अडानी ने क्यों वापस लिया FPO
पिछले कुछ सालों से गौतम अडानी ( Gautam Adani ) की ग्रोथ सबको चौका रही है । रिटेल से लेकर पोर्ट, एयरपोर्ट, पॉवर जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जबर्दस्त विस्तार कर रहे हैं अडानी .. साथ ही डिफेंस, कम्युनिकेशंस और मीडिया में भी एंट्री की ..NDTV जैसे बड़े न्यूज़ ग्रुप को अडानी ने अपने कब्ज़े में कर लिया !…अडानी ( Gautam Adani ) अमीरों की लिस्ट में टॉप पर पहुचते रहे ..,…मुकेश अंबानी भी पीछे रह गए । लेकिन hidenburg रिपोर्ट ने अदानी को हिला कर रख दिया…अब अडानी ने भी एक फैसला किया है ..जिसने सभी को चौका दिया ! उन्होंने अडानी एंटरप्राइजेज के FPO वापस लेने का ऐलान कर दया है …। 20,000 करोड़ रुपए का FPO.. पूरी तरह सब्सक्राइब होने के कुछ घंटों बाद ही अडानी का ये फैसला आया ….. इसके बाद से आपके सवाल में ये सवाल ज़रुर आया होगा की आखिर FPO होता है क्या है और क्यों इस मामले में खुद गौतम अडानी को सफाई देने आए हैं ?
दोस्तों अगर आप बिज़नस समझते हैं तो अपने FPO और IPO जैसे नाम सुने होंगे …..लेकिन अगर आपको नहीं पता है तो पूरी विडियो देखिये और समझने की कोशिश कीजिए !
1 फरवरी को देश में आम बजट पेश किया जाता है ,,,,उसकी दौरान अडानी अपने 20,000 करोड़ रुपए के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर यानी FPO को वापस ले लेते हैं …यही नहीं उन्होंने इसमें इन्वेस्ट किए पैसों को इन्वेस्टर्स को लौटाने का फैसला भी कर लिया …! दोस्तों किसी भी बिज़नस के लिए ये बहुत बड़ी बात होती है…एक तरह से उस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा शौक होता है … ! अब आसन भाषा में समझिये कि कि ये FPO होता क्या है !
मान लीजिए आपके पास एक दूकान है..जो कि पहले से रजिस्टर है …जब अपने दुकान शुरू की थी तो आपके दोस्तों ने भी इसमें कुछ कुछ पैसा लगाया होगा ! अब इस दूकान में कुछ नई तरह की चीजें आप बेचना चाहते हौं..इसके लिए और पैसा भी चाहिए..तो आप कुछ नए लोगों को ऑफर दोगे कि वो भी इसमें थोडा थोडा पैसा लगाए, जिससे काम आगे बढ़े…बाद में जो कमाई होगी उसमे से आपस में बाँट लोगे ! फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर यानी FPO भी ऐसा ही कुछ है …एक तरह से पैसे कलेक्ट करने का एक तरीका है ! दरअसल जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड होती है वो अपने इन्वेस्टर्स के लिए नए शेयर लाती है. इसके जरिए कंपनी पैसे इकठ्ठा करती है और अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा प्रॉफिट के शेयर्स के हिसाब से बांटती है …. . अडानी समूह ने भी कंपनी के लिए इसी FPOका सहारा लिया था …! FPO कोई लिस्टिड पब्लिक कंपनी तभी जारी करती है, जब उसे अपनी भविष्य के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए पैसे की ज़रूरत होती है। FPO में कोई भी आम इन्वेस्टर किसी भी ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म पर जाकर बोली लगा सकता है !
लेकिन जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO कहते हैं. IPO जारी करने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड भी हो जाती है…FPO और IPO में यही फर्क है !
अब सवाल ये है कि अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी ने अपने FPO को वापस लेने का फैसला क्यों किया ? दरअसल जब hidenburg की रिपोर्ट आई तो अडानी ग्रुप 85 बिलियन डॉलर से जादा का नुक्सान हुआ … इसके बाद खुद गौतम अडानी ने FPO वापस लिया… उन्होंने कहा कि, कंपनी को पैसों की तो जरूरत है लेकिन उसके लिए इन्वेस्टर्स का प्रॉफिट सबसे ज़रूरी है… जिस तरह कि उठापटक बाजार में चल रही है … वो नहीं चाहते हैं कि उनके इन्वेस्टर्स को किसी भी तरह का बड़ा नुकसान उठाना पड़े. ऐसे में कंपनी अपना FPO वापस ले रही है…,
दोस्तों अडानी का ये फैसला उनकी इमेज बनाए रखने में मदद तो कर सकता है…, ऑस्ट्रेलिया में कोल माइन लेने के फैसले पर दुनिया भर में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए। इस बार हिंडनबर्ग ने 218 अरब डॉलर के अडानी समूह पर स्टॉक मैनुपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाकर हलचल मचा दी है। तो मज़बूरी मे ही सही ये फैसला लेना पड़ा …लेकिन उनके लिए बहुत ही घाटे का सौदा है !