125 करोड़ की आबादी वाला ‘भारत’ देश आखिर क्यों नहीं जीत पाता ‘ढेरों मेडल’ ?
Ulta Chasma Uc : राजधानी लखनऊ के दिग्गज पैरा शटलर अबु हुबैदा एक बुलंद हौसले वाले खिलाड़ी हैं. सबसे बड़ी बात ये है की अबु हुबैदा एक दिव्यांग खिलाड़ी हैं. अबु हुबैदा को 28 अगस्त 2018 को बिहार खेल रत्न सम्मान से नवाजा गया. इस सम्मान को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीवन राम मांझी ने दिया. अबु हुबैदा का भले ही दाहिना पैर सही से काम नहीं करता, मगर खेल के प्रति उनकी दीवानगी देखकर आप हैरान रह जाएंगे. अबु हुबैदा यूपी के दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एशियन पैरा गेम्स में क्वालीफाई किया था. इससे पहले सुहास एलवाई ने किया था.

पत्रकार सुमित मेहता से बातचीत में पैरा शटलर अबु हुबैदा ने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा की भारत के लिए इतने मेडल जीते है, पर सरकार उनके साथ कुछ नहीं कर रही है. सरकार कोई भी हो सब सिर्फ आश्वासन ही देते हैं की प्राइस मनी दी जाएगी या खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी. पर आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ. जब अबु हुबैदा से पूछा गया की योगी सरकार ने क्या किया उनके लिए तो उन्होंने बताया की योगी जी ने मुझे जून 2017 को लोकमत अवॉर्ड दिया था.

जब मैं यूगांडा अफ्रीका से खेल कर आया था. यूगांडा के कम्पाला नगर में हुई इंटरनैशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में मैंने दोहरी सफलता हासिल करते हुए देश का मान बढ़ाया. जिसमें मैंने सिंगल्स में ब्रॉन्ज़ मेडल और डबल्स में गोल्ड मेडल जीता था. योगी जी से अवॉर्ड लेने के बाद मैंने उनसे पर्सनली मिलकर अपनी बात रखी थी. योगी सरकार ने भी मेरी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया है एक परसेंट भी काम नहीं हुआ.

पत्रकार सुमित ने जब उनकी प्रैक्टिस के बारे में पूछा की कहाँ और कैसे करते हैं तो इसपर भी अबु हुबैदा ने योगी सरकार की पोल खोल कर रख दी. उन्होंने बताया की अभी हाल ही में जकार्ता में खेले गए एशियन गेम्स के लिए हम लोगों की प्रैक्टिस लखनऊ में गुडम्बा के स्पोर्ट्स कॉलेज में हुई. पर यहाँ भी गवर्नमेंट ने कोई ध्यान नहीं दिया 2 महीने यहाँ कैम्प चला पर इसका पूरा खर्चा हमारे कोच साहब ने ही उठाया. उसके बाद भी हमारे टीम के 18 खिलाड़ियों ने भारत को 9 मेडल दिए हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा की अगर हम गवर्नमेंट के चक्कर में रहेंगे तो भारत के लिए मैडल नहीं ला पाएंगे.

पैरा शटलर अबु हुबैदा ने ये साफ कहा की मैं किसी सरकार की बुराई और चापलूसी नहीं कर रहा हूँ जो सच है वही बता रहा हूँ. मैं इंडिया का एकमात्र ऐसा व्हीलचेयर खिलाड़ी हूँ जिसनें अपने एक टूर्नामेनेट में तीन मेडल जीतें हैं. अगर सरकार ऐसे ही खिलाड़ियों को नज़र अंदाज़ करती रहेगी तो खिलाडियों का जज़बा कैसे बाहर आएगा, कोई नया खिलाड़ी कैसे आएगा ?

आगे उन्होंने बताया की स्टेट गवर्नमेंट में तो ये भी बोला गया की अगर आप दिल्ली में होते तो कहीं न कहीं आपको फिट करा दिया जाता. ऐसे ही कई अस्वासन मिलते रहे हैं. यूपी में करीब 100 से ज्यादा बच्चे हैं जो खेलना चाहते हैं पर सरकार के इस बर्ताव के कारण कोई आगे नहीं बढ़ पा रहा है.

अबु हुबैदा ने पत्रकार सुमित मेहता को बताया की 2-3 ऐसे बच्चे हैं जो हैंडीकैप हैं जिसका सारा खर्चा मैं खुद उठाता हूँ. मुझे जो भी मिलता है मैं उनको दे देता हूँ. मैंने सरकार के अलावा और भी लोगों से कहा पर किसी का कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. अबु हुबैदा को ये विश्वास था की भले ही अभी तक हमें सरकारी मदद नहीं मिल रही है, लेकिन एशियन गेम्स की सफलता के बाद सरकार पैरा खिलाड़ियों के लिए कुछ न कुछ जरूर करेगी, पर ऐसा नहीं हुआ. आपको एक बात और बता दें की अबू हुबैदा बीती 26 जून को महाराष्ट्र निवासी अमीना के साथ शादी के पवित्र बंधन में बंध चुके हैं.
Web Title : Ultachasma Interview International Para Shuttleer Player Abu Hubbaida
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