मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का ज़बर्दस्त शक्ति प्रदर्शन, बीजेपी के बागी नेता भी शामिल
ममता बनर्जी आज कोलकाता में विपक्षी राजनीतिक दलों को एकजुट कर महारैली कर रही हैं. इस रैली का उद्देश्य केंद्र की मोदी सरकार को हटाना और विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन दिखाना है. इस साल की शुरुआत में विपक्षी एकता का यह पहला मौका है. जहां देश के कई दिग्गज नेता एक साथ पहुंचे हैं.

ममता की इस महारैली में लाखों की भीड़ पहुंची. इस जनसैलाब ने ये सिद्ध कर दिया की विपक्ष में एकता है. ममता ने सभी दिग्गज नेताओं का स्वागत किया. पूरे पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता व समर्थक ढोल नगाड़े के साथ कोलकाता पहुंचे. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पहले के सभी रिकॉर्ड तोड़ने में कोई कसर नहीं रखना चाहता. पार्टी नेतृत्व के अनुसार, करीब चार-पांच लाख लोग सड़क, रेल व जल मार्ग के जरिए विपक्ष की ताकत को देखने व सुनने के लिए शहर में शुक्रवार को ही पहुंच चुके थे.
बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि सवाल एक व्यक्ति को हटाने का नहीं सोच का है. ये लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है. मुझे पाकिस्तान का एजेंट भी कहा गया. लेकिन क्या प्यार की बात करना देशद्रोह है. मेरा एक उद्देश्य है, एक लड़ाई बाकी है वो है इस सरकार को सत्ता से बाहर करना. इसके साथ ही उन्होने ये भी कहा कि मंच पर उपस्थित नेता तय करें कि बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ हर सीट पर सिर्फ एक उम्मीदवार खड़ा होगा. आने वाले दिनों में हम एकजूट होकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. मोदी सरकार ने सबका साथ तो लिया लेकिन विकास के नाम पर सबका विनाश किया.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं जनहित में काम करता हूं. ज्यादतिया मत करो. अटलजी के जमाने से लोकशाही है. लोग नोटबंदी से उभर ही नहीं पाए थे जीएसटी लागू कर दिया. कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गाँधी ने तीन राज्यों में जीत दिलाकर कमाल किया. देश बदलाव चाहता है. मुझसे लोग कहते हैं कि मैं बीजेपी के खिलाफ बोलता हूं, लेकिन अगर सच कहना बगावत है तो समझो मैं भी बागी हूं. हो सकता है कि इस रैली के बाद मैं भाजपा में नहीं रहूं. शत्रुघ्न सिन्हा के साथ बीजेपी के अरुण शौरी और गेगांग अपांग भी मंच पर मौजूद थे.
दिल्ली के अरविंद केजरीवाल ने कहा, नोटबंदी की वजह से सवा करोड़ नौकरियां खत्म हो गई. कुछ भी करो, मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता में न आने दो. 2019 का चुनाव प्रधानमंत्री बनाने का नहीं, मोदी-शाह को भगाने का चुनाव है.
मंच पर मौजूद दिग्गज नेता
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
- पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
- पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू
- शरद पवार
- फारुक अब्दुल्ला
- शरद यादव
- अखिलेश यादव
- तेजस्वी यादव
- हेमंत सोरेन
- अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग
- शत्रुघ्न सिन्हा
- बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा
- कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी
- पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल
- बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा
- प्रफुल्ल पटेल
- द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन
- पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी
- विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
- कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि जो बात बंगाल से चलेगी वो पूरे देश में नजर आएगी. बीएसपी के साथ हमारे गठबंधन से देश में खुशी की एक लहर आई है. आज इस रैली से देश की जनता में एक भरोसा पैदा होगा. बीजेपी का 40 दलों के साथ गठबंधन है. चुनाव के नजदीक आते ही उसने सीबीआई और ईडी से भी गठबंधन कर लिया है. लेकिन हमारा गठबंधन जनता से है.
रैली की सफलता के लिए बड़े-बड़े मंचों के अलावा, 20 टॉवर खड़े किए गए हैं. और 1,000 माइक्रोफोन एवं 30 एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं. ताकि दर्शक नेताओं को साफ तौर पर देख एवं सुन सकें. सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के लिए रैली वाले स्थान के अंदर एवं आस-पास 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.