तेज आंधी-तूफ़ान से आम की फसलें हुईं बर्बाद, किसानों में मचा कोहराम, देखें तस्वीरें-
फलों का राजा आम हर किसी को पसंद है और लोग बड़े ही शौक़ से खाते हैं. मगर इस बार शायद आपकी ये इच्छा अधूरी रह जाये. सबसे ज्यादा आम जहां होते हैं तो वो है मलिहाबाद और शुक्रवार शाम को आई तेज आंधी-तूफ़ान और ओले गिरने से मलिहाबाद में आम की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है.

एक तो किसान पहले से ही परेशान था कि इस बार आम की फसल ज्यादा नहीं हुई है. और जो थोड़ी बहुत फसल तैयार हुई थी तो तेज आंधी-तूफ़ान और ओले गिरने से वो भी बर्बाद हो गई है. क्षेत्र में लगभग कई आम के पेड़ तेज आंधी-तूफ़ान मे धराशाही हुए हैं.
यहां के आम किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसान फसलों के लिए सालों से मेहनत करता है तब जा कर फसल तैयार होती है जिसको बेच कर वो अपना घर चलाता है.
आंधी से गिरे आम की कीमत को आप सुनेंगे तो आपको शायद यकीन नहीं होगा लेकिन जब हमने एक किसान दादा से बात की तो उन्होंने पूरी सच्चाई बताई. उन्होंने कहा कि इस बार की सारी फसल बर्बाद हो गई है. जब हमने इन आमों की कीमत पूछी तो उन्होंने बताया कि आंधी से गिरे आम कूड़े के समान ही हैं इसको अगर बाज़ार में भी बेचेंगे तो सिर्फ 2 से 3 रूपए किलो ही बिकेंगे. अब बताइये हम लोग इतने कम रुपये में क्या खाएंगे और बच्चों को क्या खिलाएंगे.
फलपट्टी क्षेत्र की बात करें तो माल, मलिहाबाद और काकोरी में करीब साढ़े 36 हेक्टेयर भू-भाग पर आम के बाग हैं. मलिहाबाद क्षेत्र के निवासियों का मुख्य व्यवसाय आम ही है जिस पर यहां के लोग अपने पूरे साल के घरखर्च के लिए निर्भर रहते हैं. इस आंधी ने बागवानों की तो जैसे कमर ही तोड़ दी है.
वहीं किसानों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि राज्य आपदा मोचक निधि के दिशा निर्देशों के अनुरूप पीडि़तों को वित्तीय सहायता दी जाए. फसल क्षति का 48 घंटे के भीतर किसानवार सर्वे कराया जाए. जिन किसानों की बोई गई फसलों में 33 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है, ऐसे प्रभावित किसानों को कृषि निवेश अनुदान वितरित किये जाएं.
कल की ये तबाही देखने के बाद ऐसा लग रहा है की इस बार आम के स्वाद का पूरा मज़ा आप नहीं उठा पाएंगे. वहीं एक सवाल और उठता है की अगर ऐसा ही तूफ़ान एक-दो बार और आ गया तो शहरों तक आमों का पहुंचना ही मुश्किल हो जायेगा. और जो किसी तरह पहुंचेंगे भी तो उसके रेट आसमान पर रहेंगे.