BJP विधायक के भाई ने पेपर लीक (TET Paper Leak) कराया, ये है पारदर्शी सरकार का हाल Tet Paper Leak.. Analysis By Pragya

यूपी की सरकार में भले चादर ओढ़कर गरम गरम घी पिया जा रहा है..बीजेपी विधायक के भाई पेपर लीक करा रहे हैं..गोरखपुर से रिलेशन वाले पेपर छाप रहे हैं.. लेकिन पारदर्शिता का गाना हर माईक से गाया जाता है..सरकार इतनी पारदर्शी है कि अब तक लगभग 15 परीक्षाओं के पेपर लीक (TET Paper Leak) हो चुके हैं..जब सरकार पारदर्शी है तो पेपर कैसे लीक होते हैं..दोस्तों राम राज में लगभग 15 बार पेपर लीक हो चुके हैं..5 साल में 15 बार यानी औसतन हर साल 3 परीक्षाओं के पेपर लीक होते हैं..कौन हैं ये लोग जो पेपर लीक करते हैं..सरकार में ही ऐसे गद्दार छिपे हुए हैं..जो पेपर लीक करके मलाई काट रहे हैं..
TET पेपर लीक (TET Paper Leak) मामले में तो आरोपी बीजेपी विधायक का भाई निकला..रहने वाला गोरखपुर का निकला…सारी पार्दर्शिता सिर्फ बच्चों के लिए है..लगभग 15 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं..क्या आपने सुना है कि किसी लीकर का घर बुल्डोजर से गिराया गया..क्या आपने सुना कि पेपर लीक करने वालों के घर की कुर्की हो गई..नहीं सुना होगा..क्योंकि पिछले 4 साल तक तो सब कान में तेल डालकर सो रहे थे..
जब चुनाव के समय टीईटी का पेपर लीक (TET Paper Leak) हुआ तो दुनिया को पता चला कि पारदर्शी परीक्षाओं का मतलब क्या है..पारदर्शी परीक्षाओं का मतलब है..पेपर लीक होने के बाद लड़के बच्चे सब अपने अपने घर जाएं..दोबारा फार्म खरीदकर लाएं..सरकार पर पैसे लुटाएं और परीक्षा दे आएं..फिर रिजल्ट के लिए नौकरी के लिए..मेरिड के लिए लखनऊ की सड़कों पर धरने पर बैठ जाएं..पूरे भारत को सिर्फ चुनाव के समय पता चला है कि यूपी में कितनी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं..
अगर इतनी परीक्षाओं के पेपर लीक (TET Paper Leak) होने को पारदर्शिता कहते हैं..तो ऐसी पारदर्शिता सरकार को ही मुबारक हो…पारदर्शिता सिर्फ बच्चों पर ही दिखानी है या फिर सरकारी आस्तीन में पल रहे सांपों पर भी..जब इतना कड़ा शासन है..मुकदमों वाली सरकार है..तो फिर पेपर लीक करने वालों की हिम्मत कैसे होती है पेपर लीक करने की..सरकार कितनी पारदर्शी है इसका एक छोटा सा नमूना आपको बताती हूं..
जो TET का पेपर कुछ दिन पहले लीक हुआ उसे लीक (TET Paper Leak) करने के लिए कोई जेम्सबॉड की औलाद नहीं बनना था..सरकार ने पेपर छपने के लिए वहां दिया था..जहां शादी बारात के कार्ड छपते हैं..समझ रहे हैं दोस्तों पारदर्शिता..ये कहिए कि इन पेपरों पर दिल्ली की गलियों में समोसे नहीं बेचे गए..बाकी गोपनियता की कोई कसर यूपी की सरकार से छूटी नहीं थी..दिल्ली से अच्छा हमारे काकोरी की भवानी प्रिंटिंग प्रेस में छपवा लेते मुझे बता देते कम रेट में काम हो जाता..लेकिन बीजेपी सरकार के पेपर हैं..तो काम बीजेपी विधायक का ही रिश्तेदार करेगा..
दोस्तों सरकारी पेपर (TET Paper Leak) छपने के कुछ नियम कानून होते हैं..ऐसा नहीं है कि सरकार किसी भी फोटो कॉपी की दुकान से परीक्षाओं के पेपर छपवा सकती है..ऐसा भी नहीं है कि विधायकों के नाते रिश्तेदार भाई बहन..सोना बाबू लोग सरकारी पेपर छपवा सकते हैं..सरकारी परीक्षाओं के पेपर छपवाने के नियम हैं कि पेपर राज्य से कम से कम हजार किमी वाली प्रिंटिंग प्रेस में छपेंगे..पेपर छापने वाले लोगों को पेपर की भाषा नहीं आनी चाहिए..
पेपर (TET Paper Leak) एक सिक्योरिटी एजेंसी के हवाले होगा..वगैरह वगैरह..यहां तो इतना काफी था कि प्रिटिंग प्रेस वाला गोरखपुर का रहने वाला था..विधायक का भाई था..और अधिकारी तो होते ही सरकरों और विधायकों की चारकी के लिए..दो चार पैसे दाएं बाएं से मिल जाएं तो वो भी बिचारे कहां मना कर पाते हैं..पारदर्शिता के युग में…फिर कहती हूं..इसीलिए मैंने शुरू में कहा कि चादर ओढ़कर घी पिया जा रहा है..ऊपर से दिखाया जा रहा है कि आंतें कलकला रही हैं..भीतर भीतर मौज चल रही है..ऐसा नहीं होता..तो घूसखोरी..रिश्ववतखोरी..पर कुछ लगाम लगी होती..सरकार पारदर्शी सिर्फ गरीबों के लिए है..बाकी चादर तो है ही..घीर पीने के लिए और चादर पारदर्शी नहीं होती..साहब..
पेपर वेपर लीक (TET Paper Leak) होना सामन्य सी घटना है..लीकेज होता रहता है…कौन रोक सकता है..सरकार पारदर्शी है..एमसील लेकर थोड़ी बैठी है..सामान्यता का यही अप्रोच संसद में दिखाई दिया..राज्यसभा में संजय सिंह खड़े हुए पेपर लीक पर बोलने के लिए सोचा होगा पेपर लीक का मुद्दा उठाउंगा..भारत के भविष्य का मुद्दा उठाऊंगा..
युवाओं का मुद्दा उठाऊंगा तो संसद ध्यान से सुनेगी..लेकिन पेपर लीक (TET Paper Leak) भारत की राज्यसभा को ऐसे लगा जैसे..आज दाल में नकम कम होने पर मम्मी से शिकायत की जा रही हो..
दोस्तों अगली बार आपके आगे पारदर्शी शब्द जोड़कर भाषणबाजी करे तो समझ जाना..चादर ओढ़कर घी पिया जा रहा है..और चारदर पारदर्शी नहीं होती..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.