यात्रियों से भरा हुआ विमान ‘आतंकी’ उड़ा ले गए, तो ‘भारत’ ने दी ये कुर्बानी..
साल 1999 को कोई नहीं भूल सकता है. जिसने जाते जाते पूरे देश की आँखे नम कर दी थीं. दिसंबर का महीना ग़मगीन हो गया था. 24 दिसंबर का वो दिन जब इंडियन एयरलाइंस के विमान आइसी-814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. जिसमें 180 यात्री बैठे थे. ज़्यादातर यात्री भारतीय ही थे लेकिन इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, इटली, जापान, स्पेन और अमरीका के नागरिक भी इस फ़्लाइट से सफ़र कर रहे थे.
इस हाईजैक के बारे में जैसे पता चला मानों पूरे देश में हाहाकार सा मच गया था. 180 यात्रियों के परिवार वालों के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. उस समय बीजेपी की ही सरकार थी. सरकार में भी इस बड़ी घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ था. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या किया जाये.

पल पल की ख़बर
24 दिसंबर की शाम साढ़े चार बजे काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस की फ़्लाइट-आईसी 814 नई दिल्ली के लिए रवाना हुई. विमान ने अपनी पूरी उड़ान भरी थी की तभी आतंकवादी हरकत में आये और उन्होंने सभी पर बंदूकें तान दीं और विमान को अपने कब्ज़े में कर लिया. विमान उड़ा रहे पायलट से आतंकियों ने कहा की फ़्लाइट को पाकिस्तान ले चलो. विमान में मौजूद सभी 180 यात्रियों की मानों सांसे ही रुक गई हों.
विमान को पाकिस्तान की तरफ मोड़ा
पायलट ने जैसे ही विमान को पाकिस्तान की तरफ मोड़ा वैसे ही विमान का रूट कनेक्शन टूटा और थोड़ी देर बाद पूरे देश को पता चल गया की विमान हाईजैक हो गया है. देश में जैसे मायूसी सी छा गई. सभी लोग 180 यात्रियों की सलामती के लिए दुआ करने लगे. मीडिया पल पल की खबर देश की जनता तक पहुंचा रही थी. बंधक यात्रियों के परिजनों ने सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन शुरू कर दिया था.
एक यात्री को मार डाला
छह बजे विमान थोड़ी देर के लिए अमृतसर में रुका. फिर वहां से विमान लाहौर के लिए उड़ गया. रात आठ बजकर सात मिनट पर विमान लाहौर में लैंड हुआ. यहाँ आतंकियों ने अपनी बात मनवाने के लिए एक यात्री रूपन कात्याल को मार दिया. आतंकवादियों ने अपने 36 चरमपंथी साथियों की रिहाई के साथ-साथ 20 करोड़ अमरीकी डॉलर की फिरौती की मांग रखी थी.
दुबई में 27 यात्री रिहा
लाहौर के बाद ये विमान दुबई के लिए उड़ गया. और रात के पौने दो बजे हाईजैक विमान दुबई पहुँच गया. इस बीच सरकार से आतंकियों की कुछ यात्रियों को छोड़ने की बात बनी तो आतंकियों ने 27 यात्री रिहा कर दिए. इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. विमान में ईंधन भरने के बाद आतंकी अफ़ग़ानिस्तान के लिए निकल पड़े. अगले दिन सुबह करीब साढ़े आठ बजे विमान अफ़ग़ानिस्तान में कंधार की ज़मीन पर लैंड किया. उस समय कंधार पर तालिबान हुकूमत करते थे. और वो दुनिया का बेहद ख़तरनाक इलाक़ा था.
सरकार पर बढ़ा दबाव
इधर भारत सकरार की मुश्किल भी बढ़ती जा रहीं थी. मीडिया का भी दिन पर दिन दबाव बढ़ता जा रहा था. बंधक यात्रियों के परिजन विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पूरे देश की नींद जैसे उड़ी हुई थी. उस समय इतनी टेक्नोलॉजी भी नहीं थी सिर्फ दूरदर्शन चैनल आता था और रेडियों पर लोग पल पल की ख़बर सुन रहे थे. और उधर आतंकी अपने साथियों को रिहा करवाने पर अड़े हुए थे.
3 ख़तरनाक आतंकी हुए रिहा
दिन बीत रहे थे और दबाव भी बढ़ रहा था. इस बीच सभी यात्रियों को बचाने के लिए 31 दिसंबर को तत्कालीन एनडीए वाजपेयी सरकार ने भारतीय जेलों में बंद कुछ चरमपंथियों को रिहा करने का फैसला लिया. और उस समय वाजपेयी सरकार के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ख़ुद तीन चरमपंथियों को अपने साथ दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले गए. जिसके बाद आतंकियों ने भी अगवा किये सभी यात्रियों को रिहा कर दिया. छोड़े गए आतंकवादियों में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद शामिल थे.
कब कब हाइजैक हुए विमान ?
- जून 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 हाइजैक हुई थी. विमान अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ रहा था तभी इसको हाईजैक कर लिया गया और थोड़ी देर बाद विमान को हवे में ही बम से ब्लास्ट कर दिया गया था. इस क्रैश के कारण फ्लाइट में मौजूद 329 लोगों की मौत हो गई थी.
- अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमला भी एक विमान हाईजैक करके ही कराया गया था. जिसको 9/11 के नाम से जानते हैं. ये सबसे भयानक प्लेन हाइजेकिंग और आतंकवादी हमला था. जिसमें आतंकवादियों ने अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 और फ्लाइट 77, यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 और फ्लाइट 93 को हाइजैक किया था और इन सभी को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ट्विन टॉवर्स से टकरा दिया. जिसके बाद चारों तरफ सिर्फ धुंध ही छा गया. इसमें 3 हजार से ज्यादा लोग मारे गये थे. इस हाइजैकिंग और हमले का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन था.
- नवंबर, 1996 में इथियोपिया एयरलाइंस फ्लाइट 961 हाइजैक हुई थी. फ्लाइट को तीन इथियोपियंस ने हाइजैक किया था जो कि ऑस्ट्रेलिया में राजनीतिक शरण की मांग कर रहे थे. लेकिन फ्यूल पर्याप्त नहीं होने के कारण नतीजन प्लेन उथले पानी में क्रेश हो गया जिससे 172 में से 122 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गयी.
- नवंबर, 1985 में इजिप्ट एयर फ्लाइट 684 की हाइजैकिंग हुई थी. अबू निदाल संगठन के तीन फलीस्तीनी सदस्यों ने प्लेन को उस समय हाइजैक किया जब वह काहिरा से एथेंस की उड़ान भर रहा था. हाईजैकर्स ने माल्टा में 11 यात्रियों और 2 घायल फ्लाइट अटैंडेट्स को तो छोड़ दिया. लेकिन माल्टीज प्रधानमंत्री कार्मेनु मिफसुद वोन्निसी के कट्टरपंथी दृष्टिकोण की वजह से आतंकियों की बात नहीं बनी और सभी यात्री मारे गये.
- दिसंबर 1986 में इराकी एयरवेज फ्लाइट 163 को बगदाद से उमान जाना था लेकिन उसे हिजबुल्लाह के चार सदस्यों ने हाइजैक कर लिया. प्लेन में 15 क्रू मेंबर्स के साथ 91 यात्री सवार थे. आतंकियों ने यात्री केबिन और कॉकपिट में ग्रेनेड्स से विस्फोट कर दिया. इस वजह से विमान सउदी अरब के अरार के पास क्रैश हो गया. जिसमें 106 में से 60 यात्रियों और 3 क्रू मेंबर्स की मौत हो गयी थी.