माया से मिले तेजस्वी, यूपी की इन सीटों से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ?

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के बाद से पूरे देश में सियासी हलचलें तेज हो गई है. इसी के बीच राष्ट्रीय जनता दल के नेता व बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने यूपी के सियासी माहौल को गर्मा दिया है. तेजस्वी रविवार रात को ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती से मिलने उनके आवास पहुँच गए.

tejaswai yadav met mayawati in lucknow
tejaswai yadav met mayawati in lucknow
तेजस्वी ने छुए माया के पैर

दरअसल तेजस्वी मायावती को जन्मदिन की बधाई देने आये थे. वे मायावती के माल एवेन्यू स्थित आवास पहुंचे और माया के पैर छू कर उनको फूलों का गुलदस्ता दिया. फिर जन्मदिन की बधाई दी. साथ ही यूपी में हुए सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करते हुए कहा कि इस समय देश में अघोषित इमरजेंसी जैसे हालात हैं. लालू प्रसाद यादव की मंशा रही है कि उत्तरप्रदेश में भी बिहार की तरह क्षेत्रीय पार्टियों का गठबंधन हो. सपा-बसपा गठबंधन से लालू का सपना साकार हुआ है. लोकसभा चुनाव मे यूपी और बिहार से बीजेपी का पूरी तरह सफाया हो जाएगा.

मायावती ने कहा-

तेजस्वी यादव के साथ डेढ़ घंटे की मुलाक़ात के साथ मायावती ने कहा कि देश से सांप्रदायिक ताकतों को खत्म करने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों को एक होना होगा. मायावती ने कहा कि लालू यादव के परिवार का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है. पत्रकारों ने जब बिहार में गठबंधन पर सवाल पूछा तो माया ने कहा कि इसके बारे में आगे सोचा जाएगा. और वहीँ बात काट दी.

अखिलेश से मिलेंगे तेजस्वी

माया से मिलने के बाद तेजस्वी यादव आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से लंच पर मुलाकात करेंगे. साथ ही वे सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात करेंगे. तेजस्वी के इस मुलाक़ात को बिहार के सियासी गठजोड़ के नजरिये से देखा जा रहा है. चर्चा ये भी है कि राजद पार्टी उत्तर प्रदेश में दो सीटों पर लोकसभा चुनाव लडऩा चाहती है. इसी सिलसिले में तेजस्वी दोनों दलों के प्रमुखों से मिलने यूपी आए हैं.

माया-अखिलेश की साझा रैलियां

सपा-बसपा के गठबंधन के बाद यूपी में कितनी रैलियां करनी हैं इसपर भी लगभग बात फ़ाइनल हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमों मायावती और सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव 18 साझा रैलियां करेंगे. इन 18 रैलियों में वे दोनों साथ रहेंगे. बाकी अलग अलग कितनी रैली करेंगे इसपर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.

2014 के लोकसभा चुनाव की स्थिति- कुल सीटें: 80

पार्टी                           सीटें                    वोट शेयर
भाजपा+                     73                       42.6%
सपा                           05                        22.3%
बसपा                         00                       19.8%
कांग्रेस                        02                        7.5%

अब इस हिसाब से सपा-बसपा के पास 41.11% वोटर्स हैं. इसलिए मायावती और अखिलेश दोनों ये सोच रहे हैं की इतने वोटों के साथ बीजेपी को हरा देंगे. वैसे ये आंकड़े पलट भी सकते हैं. क्युकी सपा के वोटर्स यादव हैं. मगर अब वो बात नहीं रह गई है जो बात मुलायम सिंह यादव में थी. इसी तरह मायावती के वोटर्स जाटव वर्ग के लोग हैं. उनमें भी अब वो बात नहीं रही. चुनावी माहौल काफी बदल चुका है.

team ultachasmauc

We are team pragya mishra..we are team ulta chasma uc..we are known for telling true news in an entertaining manner..we do public reporting..pragya mishra ji is public reporter..