अखिलेश यादव से मिले तेजस्वी, अब सपा-बसपा बदलेंगे अपना फैसला ?
मायावती से मिलने के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव सोमवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने पहुंचे. अखिलेश से मिलने के बाद तेजस्वी ने अखिलेश यादव को बसपा से गठबंधन होने की बधाई देते हुए कहा कि सपा-बसपा गठबंधन ऐतिहासिक है. इस गठबंधन की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है.

बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त माहौल
थोड़ी देर मुलाक़ात के बाद अखिलेश और तेजस्वी पत्रकारों के सामने आये. तेजस्वी ने मीडिया के सामने कहा कि इस समय देश में बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त माहौल है. बीजेपी विकास का वादा कर सत्ता में आई थी. चाहे वो केंद्र हो या स्टेट लेकिन बीजेपी वालों ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया. न तो हर साल दो करोड़ नौकरियां दी और न ही 15 लाख रुपये देश की जनता को दिये.
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में तो मोदी जी ने बिहार की बोली ही लगा दी थी. बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज देने का वादा किया था जो अब तक नहीं दिया गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं.
माया से मिले थे तेजस्वी
तेजस्वी रविवार रात को ही लखनऊ आए हैं. तेजस्वी एयरपोर्ट से सीधे मायावती के माल एवेन्यू स्थित आवास पर पहुंचे. और माया के पैर छू कर उनको फूलों का गुलदस्ता दिया. फिर जन्मदिन की बधाई दी. साथ ही यूपी में हुए सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करते हुए कहा कि इस समय देश में अघोषित इमरजेंसी जैसे हालात हैं. लालू प्रसाद यादव की मंशा रही है कि उत्तरप्रदेश में भी बिहार की तरह क्षेत्रीय पार्टियों का गठबंधन हो. सपा-बसपा गठबंधन से लालू का सपना साकार हुआ है. लोकसभा चुनाव मे यूपी और बिहार से बीजेपी का पूरी तरह सफाया हो जाएगा.
लोकसभा चुनाव से पहले बसपा और राष्ट्रीय जनता दल के बीच बिहार में गठबंधन होने के आसार हैं. बिहार में बसपा और राजद के गठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई. और चर्चा ये भी है की यूपी में भी तेजस्वी के लिए अखिलेश और माया अपनी 1-1 सीट छोड़ सकते हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव की स्थिति- कुल सीटें: 80
पार्टी सीटें वोट शेयर
भाजपा+ 73 42.6%
सपा 05 22.3%
बसपा 00 19.8%
कांग्रेस 02 7.5%
अब इस हिसाब से सपा-बसपा के पास 41.11% वोटर्स हैं. इसलिए मायावती और अखिलेश दोनों ये सोच रहे हैं की इतने वोटों के साथ बीजेपी को हरा देंगे. वैसे ये आंकड़े पलट भी सकते हैं. क्युकी सपा के वोटर्स यादव हैं. मगर अब वो बात नहीं रह गई है जो बात मुलायम सिंह यादव के समय में थी. इसी तरह मायावती के वोटर्स जाटव वर्ग के लोग हैं. उनमें भी अब वो बात नहीं रही. चुनावी माहौल काफी बदल चुका है. बसपा को तो जीतना बहुत जरुरी है. क्युकी बसपा के पास इस समय 0 सीटें हैं. और सपा के पास 5 और जीतने के लिए सीटें ज्यादा आनी जरुरी है. वोट प्रतिशत नहीं.